,मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान समेत उत्तर पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में दो अगस्त तक कहीं हल्की, कहीं मध्यम तो कहीं भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. मध्य भारत के छत्तीसगढ़, पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश और विदर्भ के क्षेत्र में अगले चार दिन भारी बारिश जारी रहने का अनुमान है. ऐसे में आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम/Latest Weather News, पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम/ PM Modi Mann Ki Baat updates, टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी/Tomato Prices Hike, दिल्ली में बाढ़ का कहर/ Delhi flood news LIVE updates, मंडी समाचार/ Mandi News, पीएम-किसान की किस्त/PM-Kisan, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना/PMFBY और खेती-किसानी से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
देश में बीते एक साल से आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है. यह महोत्सव देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में देशभर में ‘मेरी माटी, मेरा देश’ कार्यक्रम की शुरूआत भी की गई है. राज्यों में इसकी जिम्मेदारी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को दी गई है. ‘मेरी माटी, मेरा देश’ कार्यक्रम में अमृत वाटिकाएं बनाई जानी हैं. इसमें 75 तरह के देसी पौधे लगाए जाने हैं. यह संख्या 75 से ज्यादा भी हो सकती है. यह कार्यक्रम नौ अगस्त से 15न अगस्त तक मनाया जाना है.
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बाढ़ के काऱण गन्ना फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इसमें मुख्य रूप से उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के लक्सर के लिब्बरेड़ी व इकबालपुर क्षेत्र और हरियाणा के यमुना नगर औऱ अंबाला सहित कई क्षेत्र शामिल हैं. इन सब इलाकों में 50 से 60 प्रतिशत गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है और बची हुई फसल में लाल सड़न रोग की आशंका अधिक रहती है. इसमें मुख्य रूप से देर से बोए गए गन्ने को बाढ़ और बारिश के कारण अधिक नुकसान हुआ है. इस तरह के नुकसान से बचने के लिए, किसानों को फरवरी में शरद ऋतु या वसंत ऋतु में गन्ना बोने का प्रयास करना चाहिए.
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शलगम को शलजम के नाम से भी जाना जाता है. शलजम एकल जड़ वाली एक सब्जी है, जिसका लोग फल के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं. इसे सब्जी और सलाद के रूप में खाया जाता है. मैदानी भागो में शलजम की फसल सर्दी के मौसम में तैयार की जाती है. शलगम की खेती इसकी जड़ों और पत्तों के लिए की जाती है. इसके पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं लेकिन स्वाद में कड़वे होते हैं इसलिए इन्हें उबालकर खाने की सलाह दी जाती है. अगर आप भी शलजम की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत किस्म पर्पल टॉप वाईट ग्लोब (PTWG) का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से शलजम के बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
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इस साल मॉनसून में बारिश के खराब रुख के कारण कई इलाकों में खेत बिल्कुल खाली पड़े हैं. किसान चाहें तो इन खेतों में सालों साल आमदनी कमाने वाली मशीन लगा सकते हैं. हम बात कर रहें कटहल की. जिसकी मांग देश-विदेश में बनी रहती है. कटहल को कच्चा और पका दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. देश में कटहल की बड़े पैमाने पर खेती होती है. इतनी बड़ी संख्या में खेती और उत्पादन के कारण ही दुनियाभर में इसका डिमांड और निर्यात भी बढ़ता जा रहा है. कटहल को विश्व का सबसे बड़ा फल भी कहते हैं. कटहल का इस्तेमाल फल और सब्जी दोनों के रूप में किया जाता है.
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नेशनल ऐग कोआर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) की मानें तो देश की 24 बड़ी ऐग मार्केट में रोजाना अंडों का थोक कारोबार होता है. ये वो मंडियां हैं जहां से देश के दूसरे राज्यों और शहरों को भी अंडा सप्लाई होता है. आज इन्हीं में से तीन ऐसी मंडियां हैं जहां देश का सबसे सस्ता अंडा बिक रहा है. बीते करीब एक महीने से तीनों ही बाजार में अंडा सस्ता बना हुआ है. अंडे के रेट वहां आ गए हैं जहां से पोल्ट्री फार्मर को अंडे की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. लागत तो छोड़िए अंडे के रेट लागत से बहुत नीचे चले गए हैं.
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बिहार में लंबे इंतजार के बाद सूबे के कई जिलों में जमकर बरसे मेघ राज. वहीं मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में औरंगाबाद जिले में सबसे अधिक 150 mm बारिश हुई. वहीं गया जिला में सबसे कम 15मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके साथ ही रविवार को दोपहर में राजधानी पटना में हल्की बारिश से लोगों को थोड़ी गर्मी से राहत मिली. वहीं आसमान में बादलों की चहलक़दमी जारी है. इसके साथ ही पटना जिले के कई स्थानों पर अच्छी बारिश दर्ज की गई है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जल संरक्षण के महत्व को बताते हुए देश के विभिन्न इलाकों में हो रहे जल संरक्षण के प्रयासों का जिक्र किया और देशवासियों से इन अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की. आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 103वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने सावन के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस वजह से देश के ज्योर्तिलिंगों में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ भी हो रही है.
बिहार राज्य के लोग लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे हैं. वहीं रविवार की सुबह कैमूर जिले में जमकर बारिश हुई. मौसम विभाग के अनुसार 5 अगस्त तक राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों में मॉनसून सक्रिय रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान पटना समेत सभी जिलों में मेघगर्जन, वज्रपात की संभावना है. इस दौरान किशनगंज, अररिया, सुपौल, जमुई व रोहतास जिले में भारी वर्षा की चेतावनी जारी किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार गंगेय पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा पर बने चक्रवाती परिसंचरण के साथ निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. मॉनसून द्रोणी रेखा गंगानगर, रोहतक, लखनऊ से होते हुए गया जिले से होकर गुजर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जुलाई यानी आज रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 103वें एपिसोड को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा, जल संरक्षण, वृक्षारोपण रोपण, भोजपत्र और ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. भोजपत्र का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भोजपत्र हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा है. प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं. महाभारत भी इसी भोजपत्र पर लिखा गया था. उत्तराखंड की महिलाएं भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियां और स्मृति चिन्ह बना रही हैं. यह उनकी आजीविका का साधन बन सकता है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं आखिर ‘भोजपत्र’ क्या है? इसके अलावा ‘भोजपत्र’ को लेकर पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान क्या कुछ कहा है-
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"मैंने पिछले साल लाल किले से अगले 25 वर्षों के अमृतकाल के लिए ‘पंच प्राण’ की बात की थी. ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान में हिस्सा लेकर हम इन ‘पंच प्राणों’ को पूरा करने की शपथ भी लेंगे. आप सभी, देश की पवित्र मिट्टी को हाथ में लेकर शपथ लेते हुए अपनी सेल्फी को http://yuva.gov.in पर जरुर upload करें." -पीएम मोदी
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"मेरे प्यारे देशवासियों, देवभूमि उत्तराखंड की कुछ माताओं और बहनों ने जो पत्र मुझे लिखे हैं, वो भावुक कर देने वाले हैं. उन्होंने अपने बेटे को, अपने भाई को, खूब सारा आशीर्वाद दिया है. उन्होंने लिखा है कि – ‘उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा ‘भोजपत्र’, उनकी आजीविका का, साधन, बन सकता है.आप सोच रहे होंगे कि यह पूरा माजरा है क्या ? साथियों, मुझे यह पत्र लिखे हैं चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं ने | ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में मुझे भोजपत्र पर एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी. यह उपहार पाकर मैं भी बहुत अभिभूत हो गया. आखिर, हमारे यहाँ प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं. महाभारत भी तो इसी भोजपत्र पर लिखा गया था. आज, देवभूमि की ये महिलाएं, इस भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियाँ और स्मृति चिन्ह बना रही हैं. आज, भोजपत्र के उत्पादों को यहाँ आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं. भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है.मुझे यह जानकर भी खुशी हुई है कि भोजपत्र से नए-नए Product बनाने के लिए राज्य सरकार, महिलाओं को Training भी दे रही है."- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने में हमारे सामर्थ्य और संसाधनों की भूमिका बड़ी होती है, लेकिन इसके साथ ही, हमारी संवेदनशीलता और एक दूसरे का हाथ थामने की भावना, उतनी ही अहम होती है. सर्वजन हिताय की यही भावना भारत की पहचान भी है और भारत की ताकत भी है. साथियों, बारिश का यही समय ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए भी उतना ही जरूरी होता है. आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है. अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है. हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ‘जल संरक्षण’ के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मॉनसून के दौरान देश के कई राज्यों ने बाढ़ का सामना किया. लेकिन हमने एक बार फिर से अपनी साहस और संकल्प का परिचय दिया है. बाढ़ और प्राकृतिक आपदों से लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और सेना के जवानों ने अद्भुत काम किया है.
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 30 जुलाई को एक बार फिर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित करने वाले हैं. मालूम हो कि पीएम मोदी की मन की बात कार्यक्रम का यह 103वां एपिसोड है. सुबह 11 बजे प्रोग्राम को टेलीकास्ट किया जाएगा. 18 जून को ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 102 एपिसोड टेलीकास्ट किया गया था. वहीं, अप्रैल में 100वां एपिसोड टेलीकास्ट किया गया था. गौरतलब है कि मन की बात के 100वें एपिसोड से पहले कराए गए आईआईएम के सर्वे में पाया गया कि मन की बात 100 करोड़ श्रोताओं तक पहुंच गई है. इस कार्यक्रम को 23 करोड़ लोगों ने नियमित रूप से सुना है. जबकि इसके बारे में देश के 98 फीसद लोग जानते हैं. यह कार्यक्रम पूरी तरह से गैर-राजनीतिक होता है.
मध्य प्रदेश में मॉनसून कहीं कम तो कहीं ज्यादा सक्रिय नजर आ रहा है. शनिवार को भी कई जिलों में मानसूनी बारिश हुई. मौसम विभाग के अनुसार आज और कल प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश हो सकती है. जिन जिलों में आज और कल भारी बारिश का अनुमान है इनमें सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, सिवनी,पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले शामिल हैं.
मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में आज हरिद्वार, देहरादून, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़,बागेश्वर, टिहरी, उत्तरकाशी,चमोली, रुद्रपुर और अल्मोड़ा में बारिश का अनुमान है. वहीं अगले दो-तीन दिनों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.
दिल्ली में शनिवार को बारिश की वजह से तापमान में तीन डिग्री की गिरावट हुई. उमस से भी कुछ राहत मिली. आज भी हल्की बारिश के आसार हैं. वहीं, अगले सप्ताह तेज बारिश की संभावना नहीं है और तापमान में भी बढ़ोतरी होगी. तापमान 35 डिग्री से अधिक पहुंच जाएगा.
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पूर्वी मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गुजरात क्षेत्र, पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. जबकि, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, केरल, लक्षद्वीप, आंतरिक कर्नाटक और सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की बारिश होने की संभावना है.
पीटीआई की रिपोट के मुताबिक, महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के जंगलों में शनिवार को एक नर्सरी में चार वर्षीय बाघिन मृत पाई गई. वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि बाघिन का शव चंद्रपुर सर्कल के बल्लारपुर वन रेंज के तहत कलमना में सामाजिक वानिकी नर्सरी में मिला था.
दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को अधिकांश देशी तेल तिलहनों के भाव में सुधार दिखा. मांग रहने के बीच अच्छे माल की कमी के कारण सरसों एवं मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन तिलहन और सोयाबीन दिल्ली एवं इंदौर तेल तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ, जबकि सोयाबीन डीगम तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुई. बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि आगामी त्यौहारों के मद्देनजर बाजार में देशी खाद्यतेलों की मांग कुछ बढ़ी है. देशी तेल-तिलहन के अच्छे माल की कमी है जिसमें सरसों में काफी सारा माल नमी वाला है जिसका केवल रिफाइंड बनाया जा सकता है. अच्छे सरसों का स्टॉक नेफेड के पास है और सरकार को बगैर किसी जल्दबाजी के त्यौहारों के दौरान ही इसको निकालना चाहिये. इससे सरसों की बिजाई भी आसानी से हो जायेगी. मूंगफली और बिनौले का स्टॉक बेहद कम है और अगली फसल आने में अभी कुछ समय लगेगा.
इस साल जून में चाय उत्पादन सालाना आधार पर 3.7 प्रतिशत घटकर 13.78 करोड़ किलोग्राम रह गया है. जून 2022 में यह आंकड़ा 14.31 करोड़ किलोग्राम था. चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने के दौरान उत्तर भारत में 10 करोड़ 97 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ, जबकि दक्षिण भारत में उत्पादन मात्रा दो करोड़ 81.5 लाख किलोग्राम थी.