सरकार ने मूंगफली की खरीद में तेजी दिखाई है. किसानों से यह खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर की जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अभी तक किसानों से 13.38 लाख टन से अधिक मूंगफली की खरीद पूरी कर ली है. खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए फरवरी मध्य तक मूंगफली की खरीद की गई है.
मूंगफली की खरीद को लेकर नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) ने आंकड़ा जारी किया है. भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश खरीद गुजरात में की गई है, जहां सरकारी एजेंसियों ने 11 नवंबर, 2024 से 14 फरवरी, 2025 के बीच 9.22 लाख टन से अधिक की खरीद की है.
इसी तरह राजस्थान में एमएसपी पर मूंगफली की खरीद 3.42 लाख टन से अधिक रही. राजस्थान में खरीद अभी भी जारी है और इस महीने खत्म हो सकती है. उत्तर प्रदेश में 71,449 टन से अधिक और कर्नाटक में 2,053 टन से अधिक एमएसपी पर खरीद की गई है.
पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार खरीफ 2024 सीजन के दौरान मूंगफली का उत्पादन रिकॉर्ड 103.60 लाख टन होने का अनुमान है - जो एक साल पहले के 86.60 लाख टन से लगभग 20 प्रतिशत अधिक है.
रिकॉर्ड उत्पादन के कारण इस साल कीमतों में गिरावट आई है. सबसे बड़े उत्पादक राज्य गुजरात के अलग-अलग बाजारों में मॉडल मूल्य 4,100 रुपये से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है, जो एमएसपी से कम है. सरकार ने खरीफ 2024-25 मार्केटिंग सीजन के लिए मूंगफली के लिए 6,783 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी घोषित किया है.
सरकारी एजेंसियों ने इस साल 11 फरवरी तक 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14.73 लाख टन सोयाबीन की खरीद की है. इस खरीद का आधा से अधिक हिस्सा महाराष्ट्र में किया गया है, उसके बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान का स्थान है.
नेफेड के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में एमएसपी पर सोयाबीन की खरीद 8.36 लाख टन से अधिक रही, जबकि मध्य प्रदेश में यह 3.88 लाख टन से अधिक रही. राजस्थान में खरीद 98,866 टन रही, जबकि तेलंगाना में यह 83,075 टन रही. गुजरात में सरकारी एजेंसियों के जरिये सोयाबीन की खरीद 48,054 टन से अधिक रही, जबकि कर्नाटक में यह 18,282 टन रही.
ऐसा लगता है कि सरकार की ओर से की गई खरीद का मंडी कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ा है, जो एमएसपी से नीचे बनी हुई है. नवंबर में जारी पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, सरकार को 2024-25 के लिए सोयाबीन की फसल 133.60 लाख टन होने की उम्मीद है - जो एक साल पहले 130.62 लाख टन थी. नेफेड के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि मुख्य रूप से कर्नाटक में लगभग 3,272 टन सूरजमुखी के बीज एमएसपी पर खरीदे गए हैं.