काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वाराणसी में अब श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है. सावन के महीने में पूरे देश से श्रद्धालु इस वर्ष डेढ करोड़ श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे. वही इस दौरान पूर्वांचल के किसान अपने कृषि कार्यों में व्यस्त रहे. जैसे ही भादों माह शुरू हुआ किसानों का जलाभिषेक का कार्यक्रम शुरू हो गया. 300 साल पुरानी परंपरा के अनुसार पूर्वांचल के किसानों के द्वारा भादो माह में बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया जाता है. वाराणसी के आसपास के जनपदों के किसान भादो महीने को सावन की तरह ही पवित्र मानते हैं. इसलिए वे 300 सालों से इस परंपरा को निभाते हुए आ रहे हैं.
वैसे तो सावन का महीना 30 दिन का ही होता है लेकिन इस बार अधिकमास के चलते पूरे 2 महीने तक श्रद्धालुओं के द्वारा दर्शन पूजन का लाभ मिला है. पूर्वांचल के बहुसंख्यक किसानों के द्वारा सावन माह में काशी विश्वनाथ का दर्शन बहुत ही कम संख्या में किया जाता है. किसानों की यह मान्यता है कि सावन की तरह भादो महीना भी उनके लिए पवित्र है. इसीलिए वह कावड़ के साथ बाबा विश्वनाथ का दर्शन करते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया किसानों के जलाभिषेक का सिलसिला पिछले 300 सालों से जारी है. वे भादो महीने में जलाभिषेक करते हैं. वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने आए किसान पारस नाथ बताते हैं कि उनके परिवार में पिछली तीन पीढी से लोग भादो महीने में ही जलाभिषेक की परंपरा को निभा रहे हैं. वहीं दूसरे किसान राम सेवक यादव ने बताया की वह पिछले 40 सालों से जलाभिषेक की इस परंपरा को निभा रहे हैं. सावन महीने में किसान वे अपने कृषि कार्यों में व्यस्त रहते हैं इसलिए भी दर्शन पूजन नहीं कर पाते हैं. कोरोना काल के समय मंदिर बंद होने से वे लोग कांवड़ यात्रा और दर्शन नहीं कर सके थे. वही काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से मिले आंकड़ों के अनुसार भादो महीने में दर्शनार्थियों की संख्या एक लाख 40 हजार तक पहुंच चुकी है.
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वाराणसी में इस बार काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के पावन महीने में श्रद्धालुओं ने रिकॉर्ड संख्या में दर्शन किया है. बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पूरे 2 महीने के दौरान एक करोड़ 63 लाख श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक का रिकॉर्ड बनाया है. देश के कोने-कोने से पर्यटक भी काशी में भ्रमण पर आए हैं. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा की माने तो काशी विश्वनाथ धाम की निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सावन के आखिरी सोमवार को 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया था. वहीं पुरानी परंपरा के अनुसार भादो महीना में किसानों के द्वारा जलाभिषेक किया जा रहा है.