केंद्र सरकार की पहल पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत और कुछ शहरों में सोमवार से टमाटर 80 रुपये किलोग्राम के भाव पर बेचने की घोषणा की. अब सरकारी रेट पर टमाटर को बेचने के लिए शहर में अल-अलग जगहों पर काउंटर खोले जा रहा है. दरअसल, देश में कई स्थानों पर, जहां-जहां टमाटर की कीमतें असाधारण रूप से अधिक थी, वहां टमाटर को 90 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर बेचने के सरकार के हस्तक्षेप के कारण टमाटर की थोक कीमतों में कमी आई है.
देश भर में 500 से अधिक स्थानों पर स्थिति का पुनः आकलन करने के बाद आज से इसे 80 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचने का निर्णय लिया गया है.
भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) के माध्यम से नोएडा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी के विभिन्न स्थानों पर आज से बिक्री शुरू कर दी गई है. वर्तमान बाजार कीमतों के आधार पर इस बिक्री का विस्तार और अधिक शहरों में किया जाएगा.
गौरतलब है कि टमाटर की कीमतें आम तौर पर जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर की अवधि के दौरान बढ़ जाती हैं, क्योंकि आम तौर पर ये महीने कम उत्पादन वाले होते हैं. साथ ही मानसून के कारण आपूर्ति में व्यवधान की वजह से कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है. सस्ते दर पर टमाटर मिलने की खबर भीषण गर्मी में हवा के झोंके तरह आई है. लोग बड़ी संख्या में घरों से मोबाइल वैन की तरफ निकल पड़े. देखते-देखते हजारों किलो टमाटर चंद घंटों में बिक गए.
देश में टमाटर की बढ़ती कीमतों ने जनता को परेशान कर रखा है और कहीं-कहीं तो रसोई में रोजाना काम आने वाली इस अहम वस्तु के रेट 160-180 रुपये किलो तक जा पहुंचे थे. हालांकि सरकार ने इसके चलते कदम उठाए का फैसला लिया और सरकारी को-ऑपरेटिव्स NCCF और NAFED को सस्ते रेट पर टमाटर मुहैया कराने के प्रयास किए.
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इसके चलते मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक से टमाटर की खरीदारी बढ़ाने का फैसला लिया गया और टमाटर की नई आवक को सरकारी एजेंसियों के जरिए लोगों तक पहुंचाया गया. जिससे जनता को कुछ राहत तो मिली है.