किसान की मौत का मामला गरमाया, संयुक्त किसान मोर्चा ने मांगा गृहमंत्री अमित शाह का इस्‍तीफा 

किसान की मौत का मामला गरमाया, संयुक्त किसान मोर्चा ने मांगा गृहमंत्री अमित शाह का इस्‍तीफा 

किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर हुई युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत का मामला गर्माता जा रहा है. संयुक्‍त किसान मोर्चा (एसकेएम) की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृह मंत्री अनिल विज के इस्तीफे की मांग की गई है.

एसकेएम ने बढ़ाईं सरकार की मुश्किलें एसकेएम ने बढ़ाईं सरकार की मुश्किलें
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Feb 22, 2024,
  • Updated Feb 22, 2024, 9:02 PM IST

किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर हुई युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत का मामला गर्माता जा रहा है. संयुक्‍त किसान मोर्चा (एसकेएम) की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृह मंत्री अनिल विज के इस्तीफे की मांग की गई है. साथ ही संगठन ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज करने, किसानों की क्रूर दमन और ट्रैक्टरों को नुकसान पहुंचाने की न्यायिक जांच की मांग की है. संगठन की तरफ से जो नई मांगे रखी गई हैं, उसके बाद माना जा रहा है कि प्रदर्शन और उग्र हो सकता है.  

शुक्रवार को ब्‍लैक डे 

अपनी मांगों के साथ ही संगठन की तरफ से 23 फरवरी को काला दिवस का ऐलान कर दिया गया है. गुरुवार को एसकेएम ने युवा किसान शुभ करण सिंह को श्रद्धांजलि दी. शुभ करण सिंह की बुधवार को उस समय मौत हो गई जब वह खनौरी बॉर्डर पर थे. संगठन का कहना है कि हरियाणा पुलिस ने अवैध रूप से सीमा पार की और प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी. इसी फायरिंग में शुभकरण की मौत हो गई. संगठन का दावा है कि पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर किसानों के कई ट्रैक्टरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. 

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सरकार पर लगाए गंभीर आरोप 

एसकेएम ने किसान आंदोलन को अलग-थलग करने और विभाजित करने, पंजाब के लोगों के बीच अलगाव पैदा करने और इस विभाजन का चुनावी लाभ उठाने की कोशिश करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर गंभीर दमन करने की साजिश रचने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सीधे तौर पर दोषी ठहराया है. एसकेएम का कहना है कि अमित शाह और हरियाणा के सीएम खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज को तुरंत इस्‍तीफा देना होगा. 

बनाई गई समिति 

संगठन के मुताबिक पंजाब सरकार को प्रदर्शनकारियों की हत्या और चोट और कई नुकसान के लिए उनके और पुलिस के खिलाफ धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज करनी चाहिए. सिर्फ इतना ही नहीं संगठन ने गोलीबारी और ट्रैक्टरों को हुए नुकसान की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग तक कर डाली है. इसमें पंजाब सरकार से हरियाणा के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की गई है. साथ ही पूर्व एसकेएम सदस्य संगठनों के साथ समन्वय और किसान संघर्ष को तेज करने के लिए मुद्दा आधारित एकता विकसित करने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. 

14 मार्च को महापंचायत 

एसकेएम ने 14 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल किसान मजदूर महापंचायत की भी अपील की है. संगठन की तरफ से केंद्र सरकार से डब्‍लूटीओ छोड़ने की मांग को लेकर 26 फरवरी को ट्रैक्टर परेड का फैसला किया है. एसकेएम ने देश के किसानों से अपील की है कि वे डब्ल्यूटीओ छोड़ने की मांग को लेकर सामूहिक बैठकें आयोजित करके सरकार की नीति का विरोध करने के लिए राष्‍ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर मार्च करें; अपने ट्रैक्टरों को खड़ा करें, लेकिन इस बात का भी ध्‍यान रखें कि इससे ट्रैफिक नहीं रुकना चाहिए. 

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