Mauni Amavasya 2024: 9 या 10 फरवरी कब है मौनी अमावस्या, जानें सही तारिक, स्नान-दान और मुहूर्त

Mauni Amavasya 2024: 9 या 10 फरवरी कब है मौनी अमावस्या, जानें सही तारिक, स्नान-दान और मुहूर्त

हिंदू धर्म में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा का पानी अमृत बन जाता है. इसी मान्यता के कारण मौनी अमावस्या का दिन हिंदू कैलेंडर में गंगा स्नान के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है.

Mauni Amavasya 2024Mauni Amavasya 2024
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 30, 2024,
  • Updated Jan 30, 2024, 7:24 PM IST

माघ के महीने में विशेषकर माघी अमावस्या यानी मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. आस्था के साथ गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पिछले जन्मों के पाप धुल जाते हैं. इस व्रत में मनुष्य ऋषियों जैसा आचरण करता है इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है. यह साल की एकमात्र अमावस्या है जिसमें मौन व्रत, जप, तप और पूजा करने से पितृ और शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है. इस साल 2024 माघ अमावस्या की तारीख को लेकर भ्रमित न हों, यहां जानें मौनी अमावस्या की सही तारीख, स्नान-दान मुहूर्त. 

कब है मौनी अमावस्या?

पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या तिथि 9 फरवरी 2024 को सुबह 8:02 बजे से शुरू होगी. यह अगले दिन 10 फरवरी 2024 को सुबह 4:28 बजे समाप्त होगी. हिंदू धर्म में व्रत और त्योहार सूर्योदय तिथि से ही मान्य होते हैं. मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी को सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है लेकिन पूरे दिन अमावस्या तिथि रहेगी. और यह 10 फरवरी को सूर्योदय से पहले समाप्त हो रहा है. ऐसे में 9 फरवरी 2024 को मौनी अमावस्या पर स्नान, पूजा और पाठ करना सर्वोत्तम रहेगा.

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मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व

हिंदू धर्म में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा का पानी अमृत बन जाता है. इसी मान्यता के कारण मौनी अमावस्या का दिन हिंदू कैलेंडर में गंगा स्नान के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है. मौनी अमावस्या प्रयागराज में सबसे महत्वपूर्ण गंगा स्नान दिवस है और इसे अमृत योग दिवस और कुंभ पर्व दिवस के रूप में जाना जाता है. वे पूरे दिन एक भी शब्द बोले बिना एक दिन का उपवास रखते हैं. मान्यता है कि पूरे महीने गंगा स्नान करने से पितृदोष और शनि दोष से राहत मिलती है.

मौनी अमावस्या पर स्नान, दान और तर्पण का समय

मौनी अमावस्या के अवसर पर यदि आप सुबह 08:02 बजे से अपने पितरों के लिए तर्पण, स्नान और दान करते हैं तो अच्छा है क्योंकि उसी समय से माघ कृष्ण अमावस्या तिथि पड़ रही है. हालांकि, यदि आप उस दिन ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 05:21 बजे से स्नान करते हैं, तो आपको माघ शिवरात्रि स्नान का पुण्य लाभ मिलेगा.

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