गेहूं का गणित देश में गड़बड़ाया हुआ है. एक अप्रैल 2024 को देश में गेहूं का स्टॉक 16 साल के निचले स्तर पर था, जो बफर स्टॉक से थोड़ा सा अधिक था. इस बीच MSP पर शुरू ही गई गेहूं की खरीद इस साल भी सुस्त दिखाई पड़ रही है. मसलन, लगातार तीसरी साल देश में गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य पूरा होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है.
मतलब, देश के खाली गेहूं भंडार के बीच गेहूं खरीद की सुस्त चाल डरा रही है. इससे उपजे हालात देश में गेहूं की कमी की तरफ इशारा कर रहे हैं. इन हालातों में रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया गेहूं इंपोर्ट के लिए ड्यूटी खत्म करने की पैरवी करने लगा है.
देश में गेहूं को लेकर उपजे हालातों के बीच अटकलों का बाजार गर्म है कि नई सरकार के गठन के बाद ड्यूटी फ्री गेहूं इंपोर्ट का रास्ता खुल सकता है. इस तरह की अटकलों से व्यापारी खुश हैं तो बेहतर दाम की चाह के लिए गेहूं स्टॉक कर रखने वाले किसानों के मन में कई सवाल है.
आइए इसी कड़ी में गेहूं को लेकर दुनिया की सैर पर चलते हैं और समझते हैं कि दुनिया के किस देश में इस साल कितने गेहूं का उत्पादन हुआ है. क्योंकि दुनिया के देशों में उत्पादित गेहूं से ही भारत में गेहूं इंपोर्ट का गणित सुलझ सकता है. उम्मीद है कि इससे गेहूं इंपोर्ट के उलझे हुए गणित को सुलझाने में मदद मिलेगी.
देश में गेहूं इंपोर्ट की गुथ्थी को सुलझाने और किस देश में इस साल कितना गेहूं का उत्पादन से जुड़े सवाल के जवाब से पहले गेहूं के ग्लोबर प्लेयर पर एक नजर डालते हैं. साल 2023 के उत्पादन आंकड़ों के हिसाब से गेहूं के ग्लोबर प्लेयर की रैंकिंग को समझें तो 136 मिलियन मीट्रिक टन के साथ चीन दुनिया में गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक रहा, इसके बाद 133 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन के साथ यूरोपियन यूनियन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक रहे. इसके बाद भारत का नाम हैं, जो 110 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन के साथ ग्लोबली गेहूं तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.
चौथे नंंबर पर 91 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन के साथ रूस, 49 मिलियन मीट्रिक टन के साथ अमेरिका, 33 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन के साथ कनाड़ा, 28 मिलियन मीट्रिक टन के साथ पाकिस्तान, 25 मिलियन मीट्रिक टन ऑस्ट्रेलिया रैंकिंंग में शामिल है. इसके बाद यूक्रेन शामिल है.
भारत में गेहूं का गणित उलझा हुआ है. बेशक देश में इस बार रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान है, लेकिन गेहूं का मौजूदा बाजार भाव, गेहूं का कम सरकारी भंडार, गेहूं की सरकारी खरीद की सुस्त चाल ही गेहूं इंपोर्ट की तरफ इशारा कर रही है, लेकिन गेहूं इंपोर्ट की संंभावनाओं से पहले दुनिया में इस साल गेहूं के उत्पादन को समझना भी जरूरी है. संयुक्त राज्य कृषि विभाग यानी USDA के मुताबिक इस बार ग्लोबली गेहूं का उत्पादन 798 मिलियन मीट्रिक टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल से 10 MMT अधिक है, जिसमें भारत का गेहूं उत्पादन पिछले साल की तुलना में 3.4 MMT अधिक होने के साथ 114 मिलियन मीट्रिक टन रहने का अनुमान जारी किया गया है.
USDA के मुताबिक चीन में गेहूं उत्पादन इस साल 140 MMT होने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 3.4 MMT अधिक है. इसी तरह अमेरिका में 1.2 MMT बढ़ोतरी के साथ गेहूं उत्पादन 50 MMT होने का अनुमान है. ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलिया में इस साल गेहूं उत्पादन पिछले साल की तुलना में क्रमश: 3 और 2 MMT अधिक हो सकता है.
USDA ने जहां इस साल ग्लोबली गेहूं उत्पादन में 10 MMT बढ़ोतरी का अनुमान जारी किया है, लेकिन रूस-यूक्रेन और यूरोपियन यूनियन में गेहूं उत्पादन में कमी का अनुमान जारी किया है.USDA के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल यूरोपियन यूनियन में गेहूं उत्पादन 2.2 MMT कम होने के साथ 132 MMT रह सकता है. इसी तरह रूस में 3.5 MMT गिरावट के साथ 88 MMT गेहूं पैदावार का अनुमान USDA ने जारी किया है. वहीं यूक्रेन में इस साल 21 MMT गेहूं उत्पादन का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 2 MMT कम होगा.
भारत में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है, लेकिन इन सबके बीच देश में गेहूं इंपोर्ट को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. अगर ये मान भी लिया जाए कि नई सरकार गेहूं इंपोर्ट की राह आसान करने के लिए 44 फीसदी ड्यूटी हटाएगी, लेकिन इसके बाद भी जियो पॉलिटिक्स, ग्लोबली गेहूं उत्पादन का गणित भारत के लिए बड़ी चुनाैती है. इस साल रूस-यूक्रेन और यूरोपियन यूनियन में गेहूं का उत्पादन कम है. तो वहीं दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादन चीन सबसे बड़ा इंपोर्टर भी है. वहीं युद्ध की जियो पॉलिटिक्स में दुनिया के देश गुों में बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं.
बेशक रूस और यूक्रेन में गेहूं की पैदावार खपत से अधिक होती है, लेकिन यूरोपियन यूनियन और रूस की राहें अलग-अलग हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूक्रेन पर ही यूरोपियन यूनियन को गेहूं इंपोर्ट की जिम्मेदारी दिखाई पड़ती है. वहीं पिछले साल 10000 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं इंपोर्ट करने वाले चीन, इजिप्ट, इंडोनेशिया, टर्की जैसे देशों की मांग पूरी करने की जिम्मेदारी भी ऑस्ट्रेलिया, यूक्रेन, पाकिस्तान, कनाड़ा जैसे देशों पर है. इन हालातों में भारत किस देश और किस दाम पर गेहूं इंपोर्ट करेगा, ये बेहद ही चुनौतीपूर्ण दिखाई पड़ता है. हालांकि रूस से गेहूं इंपोर्ट की संभावना भारत के लिए है, लेकिन कम उत्पादन में रूस भारत को किस दाम में गेहूं इंपोर्ट करेगा, ये देखने लायक होगा.