
सितंबर से शुरू होने वाले मार्केटिंग साल 2025-26 में बढ़ती घरेलू खपत की वजह से भारत में बादाम अखरोट और पिस्ता जैसे ट्री नट्स (मेवा) का इंपोर्ट लगभग 7 परसेंट बढ़ने की उम्मीद है. हाल के वर्षों में भारत में इन सूखे मेवों की मांग बढ़ी है. सेहत को देखते हुए लोग अधिक से अधिक इन मेवों की खरीदारी कर रहे हैं. यही वजह है कि ट्री नट्स का आयात पहले से बढ़ा है.
बढ़ती आबादी, बढ़ती कमाई और बढ़ती हेल्थ अवेयरनेस और न्यूट्रिशनल फायदों जैसे फैक्टर्स अखरोट, बादाम और पिस्ता जैसे ट्री नट्स की डिमांड बढ़ा रहे हैं.
ट्री नट्स के यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के ताजा मार्केट एनालिसिस के मुताबिक, भारत में बादाम (छिलके के आधार पर) का इंपोर्ट 2025-26 में पिछले साल के 1.78 लाख टन से ज्यादा 1.8 लाख टन होने की उम्मीद है. भारत में बादाम की खपत इस साल 1.84 लाख टन पर फ्लैट रहने की उम्मीद है.
पूरी दुनिया में बादाम का उत्पादन पिछले साल के 16.30 लाख टन से लगभग 9 परसेंट बढ़कर 17.77 लाख टन होने की उम्मीद है. इस प्रोडक्शन में बढ़ोतरी US की वजह से हो रही है, जो इसका सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है, जहां प्रोडक्शन दसवें हिस्से से बढ़कर 13.60 लाख (12.38 लाख टन) हो गया है.
भारत में अखरोट (बिना छिलके के) का इंपोर्ट पिछले साल के 62,600 टन के मुकाबले करीब 20 परसेंट बढ़कर 75,000 टन होने वाला है. ऐसा बढ़ती खपत और घरेलू प्रोडक्शन में गिरावट की वजह से है. USDA ने कहा कि भारत में अखरोट का घरेलू प्रोडक्शन थोड़ा कम होकर 33,500 टन (पिछले साल 34,000) रहने का अनुमान है, जबकि खपत 3.5 परसेंट बढ़कर 1.03 लाख टन (99,500 टन) होने का अनुमान है.
USDA के अनुसार, भारत में पिस्ता की खपत पिछले साल के 45,000 टन से 12 परसेंट से ज्यादा बढ़कर 50,500 टन होने का अनुमान है. भारत अपनी लगभग सारी पिस्ता जरूरत अमेरिका और ईरान जैसे प्रोड्यूस करने वाले देशों से इंपोर्ट करता है. ग्लोबल प्रोडक्शन पिछले साल के 11.78 लाख टन से बढ़कर 12.03 लाख टन होने की उम्मीद है. साथ ही दुनियाभर में खपत भी बढ़कर 11.18 लाख टन (10.65 लाख टन) से ज्यादा होने की उम्मीद है.