अच्छा कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए, विशेष रूप से सर्कुलेटरी सिस्टम के लिए एक आवश्यक लुब्रिकेंट्स के रूप में काम करता है. लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब यह खराब कोलेस्ट्रॉल शरीर में बहुत अधिक हो जाता है. आपको बता दें कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल की बीमारी बढ़ सकती है. उच्च कोलेस्ट्रॉल आर्टरी के लिए मुसीबत बन जाता है और दिल की समस्या शुरू होने लगती है. ऐसे समय में दिल का दौरा पड़ने की संभावना रहती है. इसलिए उच्च कोलेस्ट्रॉल को रोकना जरूरी है और इसके लिए रक्त में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की पर्याप्त मात्रा का होना भी महत्वपूर्ण है.
अगर आप खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करना चाहते हैं तो रोज सुबह खाली पेट लहसुन की कम से कम 2 से 3 कलियां निगलें. लाहलून में मौजूद एलिसिन रक्त में मौजूद ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है.
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इसे सहजन के नाम से भी जाना जाता है. मोरिंगा में बीटा-सिटोस्टेरॉल जैसे यौगिक होते हैं, जो आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकते हैं, जिससे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है.
इसमें फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स, फेनोलिक एसिड, ट्राइटरपेनोइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने में बहुत मदद करते हैं. अर्जुन की छाल अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है.
आयुर्वेद में दालचीनी को हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में कारगर माना जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करते हैं. अगर एक चुटकी दालचीनी मसाले का सही तरीके से सेवन किया जाए तो कुछ ही दिनों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य होने लगेगा.
हरड़, बहेड़ा और आँवला का चूर्ण खाने से भी कोलेस्ट्रॉल कम होता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ विटामिन सी से भरपूर हैं जो नसों में जमा खराब कोलेस्ट्रॉल यानी प्लाक को तोड़ने में मदद करती हैं.