चीनी के दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अभी हाल में सरकार ने चीनी के एक्सपोर्ट को खोलने की अनुमति दी है जिसके बाद दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है. यह वृद्धि लगभग 10 परसेंट के आसपास है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अभी हाल में 10 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी दी है. दूसरी ओर, दुनिया के बाजारों में चीनी के दाम में थोड़ी नरमी देखी जा रही है. भारत के एक्सपोर्ट खोलने के फैसले के बाद वैश्विक बाजारों में चीनी सस्ती हुई है.
एक हफ्ते पहले जब चीनी का एक्सपोर्ट नहीं खुला था, तब उसका भाव 33-34 रुपये किलो चल रहा था. लेकिन हालिया फैसले के बाद चीनी का भाव 37 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है. इस तरह अभी चीनी के दाम में 3 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
विश्वराज शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर मुकेश कुमार ने 'बिजनेसलाइन' से कहा, अभी हाल में सरकार ने 10 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी दी है जिसके बाद दाम में तेजी देखी जा रही है. तब से घरेलू बाजार में 3 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है. एक्सपोर्ट की कीमत में भी 2 रुपये तक की बढ़ोतरी है. अगर इसी के आसपास दाम स्थिर रहता है तो चीनी इंडस्ट्री के लिए यह अच्छी बात होगी.
एक्सपोर्ट मार्केट में चीनी का दाम 38-40 रुपये प्रति किलो तक चल रहा है. मुकेश कुमार ने कहा कि चीनी के दाम अब इसी स्तर पर स्थिर हो सकते हैं. कोल्हापुर के ब्रोकर घोरपडे एग्रोवेट के अभिजीत घोरपडे ने कहा कि घरेलू बाजार में चीनी के दाम 3-3.5 रुपये किलो तक बढ़े हैं. मिलर्स मौजूदा रेट पर अपना माल नहीं बेचना चाह रहे हैं और वे 4,000 रुपये प्रति क्विंटल रेट का इंतजार कर रहे हैं. इसका नतीजा है कि एक्सपोर्ट के लिए कोई नया ट्रेड नहीं हुआ है.
वैश्विक बाजार अभी चीनी के दाम को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं, इसलिए मिलर्स को कुछ वक्त इंतजार करना होगा. अगले 3-4 हफ्ते तक वैश्विक बाजार में रिकवरी आने की संभावना है. रमजान के आसपास बाजारों में चीनी की मांग बढ़ने के साथ इसके दाम में तेजी देखी जा सकती है. जब से भारत ने चीनी निर्यात का फैसला किया है, तब से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसके दाम में कमी आई है. मध्य दिसंबर में जब से सरकार ने एक्सपोर्ट खोलने की जानकारी दी, उसी समय से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चीनी की कीमतों में गिरावट दर्ज होने लगी.
मासिक आधार पर देखें तो वैश्विक बाजारों में चीनी के दाम में 8 परसेंट, तो सालाना आधार पर 24 परसेंट की गिरावट आई है. मुकेश कुमार ने कहा कि एक्सपोर्ट खोलने के फैसले से चीनी उद्योग को राहत मिली है. सरकार अगर और 10 लाख टन निर्यात की मंजूरी दे दे तो और अच्छी बात होगी. दूसरी ओर सूत्रों ने 'बिजनेसलाइन' से कहा कि जब से चीनी के दाम में बढ़ोतरी हुई है तब से ट्रेडर्स ने बाजारों में चीनी का स्टॉक उतार दिया है जिससे बुधवार को भाव में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई.