सोयाबीन भारत की एक महत्वपूर्ण फसल है. वहीं भारत सोयाबीन उत्पादन के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है. सोयाबीन को पीला सोना भी कहा जाता है. सोयाबीन का इस्तेमाल कई चीजों में किया जाता है. इससे तेल भी निकाला जाता है. इसके अलावा सोयाबीन से सोया बड़ी, सोया दूध, सोया पनीर आदि खाद्य सामाग्री भी बनाई जाती है. सोयाबीन तिलहन फसलों में आता है. सोयाबीन का उत्पादन भारत के लगभग सभी राज्यों होता है. लेकिन, सोयाबीन उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश भारत के सभी राज्यों में सबसे अव्वल है, जबकि मध्य प्रदेश सहित 3 राज्य ऐसे हैं, जहां भारत के कुल 90 प्रतिशत सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है. इसका उत्पादन करके किसान बेहतर मुनाफा भी कमा रहे हैं. आइए जानते हैं कि सोयाबीन उत्पादन के मामले में देश के वो टॉप 3 राज्य कौन-कौन से हैं कितना करते हैं उत्पादन और क्या हैं इसके फायदे-
सोयाबीन उत्पादन के मामले में, मध्य प्रदेश देश के अन्य सभी राज्यों में अव्वल है. यहां की जलवायु मिट्टी और सोयाबीन की खेती के काफी बेहतर है. इस वजह से सबसे अधिक सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश में की जाती है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले सोयाबीन में मध्य प्रदेश में अकेले 48.07 प्रतिशत उत्पादन होता है.
सोयाबीन का उत्पादन लगभग देश के सभी राज्यों में किया जाता है, लेकिन देश के ये 3 राज्य अकेले 90 प्रतिशत का उत्पादन करते हैं. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वह तीन राज्य, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान हैं.
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सोयाबीन उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है. जहां कुल 35.78 प्रतिशत सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है और इसके बाद राजस्थान है जहां कूल 8.49 प्रतिशत सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है. इनके अलावा कई अन्य राज्य और भी हैं जहां सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है.
सोयाबीन खाने के कई फायदे हैं. इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन-ई, विटामिन-बी, थायमिन और अमीनो अम्ल पाया जाता है. इसलिए सोयाबीन को आम लोगों से लेकर जिम करने वाले लोग भी प्रोटीन के सेवन के लिए सोयाबीन को अपनी आहार में शामिल करते हैं.