SOPA की सरकार से अपील: अमेरिका से GM सोयाबीन खली का आयात न हो, दिए ये तर्क

SOPA की सरकार से अपील: अमेरिका से GM सोयाबीन खली का आयात न हो, दिए ये तर्क

SOPA ने वाणिज्य मंत्रालय से अमेरिका से GM सोयाबीन मील आयात को मंजूरी के प्रस्‍ताव को रोकने का आग्रह किया. संगठन ने कहा कि भारत के पास पर्याप्त घरेलू स्टॉक है. आयात से किसानों और सोयाबीन उद्योग को नुकसान होगा और आत्मनिर्भर भारत की नीति कमजोर होगी.

Soymeal import block demand sopaSoymeal import block demand sopa
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 23, 2025,
  • Updated Oct 23, 2025, 7:44 PM IST

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (SOPA) ने गुरुवार को वाणिज्य मंत्रालय से अमेरिका से जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) सोयाबीन खली आयात की किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह किया. एसोसिएशन ने कहा कि भारत के पास घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त सोयाबीन खली उपलब्ध है और ऐसे आयात से किसानों को नुकसान होगा. SOPA ने वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल को लिखे पत्र में कहा कि भारत के पास 2025-26 विपणन वर्ष (अक्टूबर से सितंबर) के लिए पूरी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त सोयाबीन खली भंडार है.

'आयात होने से घरेलू सोयाबीन किसानों को नुकसान'

उन्होंने चेतावनी दी कि इस समय GM सोयाबीन खली के आयात की अनुमति देने से देश के कृषि क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. एसोसिएशन ने कहा कि ऐसे आयात से भारतीय सोयाबीन किसानों को नुकसान होगा, जो पहले से ही सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमतों का सामना कर रहे हैं. इससे बाजार में अधिक आपूर्ति के कारण कीमतें और गिर सकती हैं.

घरेलू सोयाबीन प्रसंस्करण उद्योग को भी खतरा: SOPA

इसके अलावा, एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि यह कदम देश के घरेलू सोयाबीन प्रसंस्करण उद्योग की स्थिरता को भी खतरे में डाल सकता है और सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” नीति के लक्ष्य को कमजोर करेगा. SOPA ने कहा कि भारत ने उच्च गुणवत्ता वाले गैर-GMO सोयाबीन उत्पादों के आपूर्तिकर्ता के रूप में मजबूत साख बनाई है, जो उन बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देता है जहां खरीदार ट्रेसेबल और गैर-GMO सोयाबीन की मांग करते हैं. 

एसोसिएशन ने सरकार से अनुरोध किया कि GM सोयाबीन मील को किसी द्विपक्षीय व्यापार समझौते या आयात अनुमति में शामिल न किया जाए और भारत के गैर-GMO सोयाबीन खेती और प्रसंस्करण इकोसिस्टम की सुरक्षा की जाए.

सोयाबीन उत्‍पादन में गिरावट का अनुमान

वहीं, इससे पहले SOPA ने देश में इस साल सोयाबीन का उत्पादन करीब 20.5 लाख टन घटने का अनुमान जताया और इसके 105.36 लाख टन रहने की भविष्‍यवाणी की. SOPA ने बताया कि कम बुवाई, घटती उत्पादकता और प्रतिकूल मौसम इसके मुख्य कारण हैं. इस साल 114.56 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई, जबकि औसत उत्पादकता 920 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रही.

पिछले साल उत्पादन 125.82 लाख टन और औसत उत्पादकता 1,063 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी. SOPA के अध्यक्ष दवेश जैन ने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश और येलो मोज़ेक वायरस के कारण फसल को गंभीर नुकसान हुआ है. संगठन ने सोयाबीन उत्पादन बढ़ाने और उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने पर जोर देने की सलाह दी है. (पीटीआई)

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