उत्तर प्रदेश की पवित्र नगरी अयोध्या में आज 22 जनवरी 2024 को 12.29 मिनट पर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है. रामलला के विग्रह का अभिषेक किया गया है. समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय 121 आचार्य के मार्गदर्शन में किया गया है. इसके साथ ही 500 साल का इंतजार खत्म हो गया है. गर्भगृह में राम मंदिर अनुष्ठान कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख भूमिका में रहे. इसके अलावा प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
रामलला की तस्वीर सामने आ गई है, जिसमें रामलला के सिर पर स्वर्णमुकुट है और गले में हीरे- मोतियों का हार है. इसके अलावा कानों में कुंडल सुशोभित हैं. हाथ में स्वर्ण धनुष-बाण हैं, रामलला पीली धोती पहने हुए नजर आ रहे हैं. इस मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है जिसे शालीग्राम शिला से बनाया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्भगृह में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अनुष्ठान का नेतृत्व किया. उनके साथ अनुष्ठान कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी आदित्यनाथ भी यजमान की भूमिका में बैठे.
अनुष्ठान कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की पूजा-अर्चना की और पैर छूकर आशीर्वाद लिया. पीएम ने राम लला की आरती भी की. उन्होंने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान प्रतिमा का अनावरण किया. इसके बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने रामलला को पुष्प अर्पति किए.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने गर्भगृह से बाहर निकले और उन्होंने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में साधु-संतों से से आशीर्वाद लिया. पीएम मोदी ने इसके बाद गंगाजल पीकर उपवास तोड़ा. इसके बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भगत भी गर्भगृह से बाहर आए और जनता का अभिनंदन किया.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य शामिल हुए. वाराणसी के गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन किया. जबकि, काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य की भूमिका में रहे.
श्री रामलला सरकार प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में स्थापित देवताओं का दैनिक पूजन, हवन, पारायण आदि कार्य किया गया. जबकि, प्रातः मध्वाधिनास, मूर्ति का 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त जल से स्नान, महापूजा, उत्सवमूर्ति की प्रासादपरिक्रमा, शय्याधिनास, तत्त्वन्यास, महान्यास आदिन्यास, शान्तिक-पौष्टिक - अघोर होम, व्याहृति होम, रात्रिजागरण, सायंपूजन एवं आरती की गई.
प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया 16 जनवरी से ही शुरू हुई थी. 16 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन कराया गया था.
17 जनवरी को मूर्ति का परिसर में प्रवेश कराया गया.
18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीराम लला विग्रह को उनके स्थान पर विराजमान किया गया.
19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, 19 जनवरी को धान्याधिवास किया गया.
20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास किया गया.
21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास कराया गया.