
राजस्थान में झालावाड़ जिले की पुलिस ने सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में हो रहे बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए अंतरराज्यीय गिरोह के 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस विशेष अभियान को ‘ऑपरेशन शटरडाउन’ नाम दिया है. इस कार्रवाई में पुलिस ने 53 लाख रुपये नकद, 30 वाहन (जिनमें 12 लग्जरी कारें शामिल हैं), 35 से अधिक लैपटॉप/कंप्यूटर, 70 मोबाइल फोन, और फ्रॉड के लिए उपयोग की जा रही अनेक डिजिटल डिवाइसें जब्त की हैं.
जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने मडावर थाने में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरोह सरकारी योजनाओं का फर्जी लाभ उठाने के लिए अपात्र व्यक्तियों के बैंक खाते खरीदता था. बाद में, सरकारी डिजिटल पोर्टल का दुरुपयोग करते हुए फर्जी लाभार्थी बनाकर योजनाओं का पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे. इन योजनाओं में पीएम किसान सम्मान निधि, समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाएं, और मुआवजा योजनाएं शामिल थीं.
पुलिस जांच में सामने आया कि जोधपुर, कोटा, बूंदी और दौसा जिलों की सरकारी योजनाओं का पैसा झालावाड़ के आरोपी अपने खातों में उठा रहे थे. गिरोह ने 11,000 से अधिक संदिग्ध बैंक खाते, हजारों पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड और दस्तावेज तैयार कर रखे थे, जिनसे सरकारी धन का गबन किया जा रहा था.
एसपी अमित कुमार ने बताया कि यह देश का पहला व्यापक अभियान है जिसमें सरकारी योजनाओं में हो रही साइबर ठगी को इतनी बड़ी मात्रा में उजागर किया गया है. उन्होंने कहा कि आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य राज्यों में भी जांच की जाएगी. पुलिस यह भी पता लगा रही है कि गिरोह ने अब तक कुल कितनी राशि की धोखाधड़ी की है और इसमें कौन-कौन से बैंक अधिकारी या मध्यस्थ शामिल हैं.
झालावाड़ पुलिस की ओर से चलाए गए इस अभियान को ऑपरेशन शटरडाउन नाम दिया गया है. इस अभियान में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है. इसमें अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इस घटना में 11000 से अधिक संदिग्ध बैंक अकाउंट का पता चला है.(फिरोज अहमद खान का इनपुट)