भारतीय रेलवे वंदे भारत ट्रेनों में यात्रियों को और बेहतर सेवाएं देने की तैयारी कर रहा है. रेलवे पैसेंजर सर्विस कॉन्ट्रैक्ट पहल के माध्यम से वंदे भारत ट्रेनों पर लागत बचत और बेहतर यात्री अनुभव के मिश्रण पर फोकस कर रहा है. इसके लिए 12 वंदे भारत ट्रेनों के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार है. इसकी सफलता पर इसे अन्य प्रीमियम ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा. 27 नवंबर को रेल मंत्री अश्विनि वैष्णव ने यशवंतपुर स्टेशन का निरीक्षण किया, उन्होंने बताया कि स्टेशन का कायाकल्य 350 करोड़ रुपये से किया जा रहा है.
भारतीय रेलवे के पायलट प्रोजेक्ट के तहत यात्रियों को भोजन और पेय पदार्थों में अधिक विकल्प देना शामिल है. इसके अलावा वैल्यू एडेड सर्विसेज के जरिए यात्रा को आसाना बनाना है. इसके साथ ही यात्री अनुभव में सुधार के अलावा हाउसकीपिंग पर भारतीय रेलवे के खर्च को कम करना और सर्विस प्रोवाइडर को ट्रेनों के अंदर विज्ञापन जैसे रेवेन्यू सेक्टर तक पहुंच देना है.
सर्विस प्रोवाइडर पहले से तय कीमत पर यात्रियों को ला कार्टे भोजन और पेय पदार्थ बेच सकता है. इसके अलावा सर्विस प्रोवाइडर यात्रियों की छोटी-मोटी शिकायतों जैसे दरवाजा जाम, ढीली कुंडी या नट और लीक नल की शिकायत को टूलकिट की मदद से ठीक कर सकेंगे. वंदे भारत ट्रेनों में सर्विस प्रोवाइडर की ओर से यात्रियों को प्रीपेड भोजन भारतीय रेलवे की ओर से तय मेनू और टैरिफ के अनुसार परोसना होगा.
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केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 27 नवंबर को यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि यशवंतपुर रेलवे स्टेशन को 350 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से वैश्विक स्तर के स्टेशन के रूप में तैयार किया जा रहा है. शहर को रेलवे स्टेशन से दोनों तरफ से जोड़ा जा रहा है. आने वाले समय में इस स्टेशन पर ट्रैफिक काफी बढ़ने वाला है, इसे ध्यान में रखते हुए पुनर्विकास कार्य किया जा रहा है.