
पंजाब सरकार ने सोमवार को एक औपचारिक नोटिफिकेशन जारी कर तीन शहरों को 'पवित्र शहर' का दर्जा दिया हैं. ये शहर हैं अमृतसर के चारदीवारी वाले शहर, बठिंडा जिले में आने वाला तलवंडी साबो और श्री आनंदपुर साहिब जो रूपनगर जिले में आता है. सरकार ने इसके साथ ही इन शहरों में मीट यानी मांस की बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. पिछले काफी समय से राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार इस पर विचार विमर्श कर रही थी. पिछले ही महीने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव भी राज्य की विधानसभा में पास किया गया था.
गृह सचिव आलोक शेखर द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है, 'पंजाब के राज्यपाल अमृतसर के चारदीवारी वाले शहर, श्री आनंदपुर साहिब शहर; और तलवंडी साबो (श्री दमदमा साहिब) शहर को पंजाब राज्य के पवित्र शहर घोषित करते हुए खुश हैं.' नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही सरकार ने आबकारी, स्वास्थ्य और पशुपालन विभागों के सचिवों से कहा है कि वे चारदीवारी वाले शहर और श्री आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो की नगर पालिका सीमाओं के अंदर शराब, तंबाकू और सिगरेट, और मांस की बिक्री की अनुमति न दें.
24 नवंबर को पंजाब विधानसभा ने आनंदपुर साहिब, तलवंडी साबो और अमृतसर शहर को पवित्र शहरों का दर्जा देने का प्रस्ताव पास किया था. मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से पेश किया गया यह प्रस्ताव गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत वर्षगांठ के मौके पर आनंदपुर साहिब में बुलाए गए एक दिन के विशेष सत्र के दौरान इसे मंजूरी दी गई थी. ये तीनों शहर पांच 'तख्तों' में से तीन का घर हैं - श्री अकाल तख्त साहिब (अमृतसर), श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो) और तख्त श्री केशगढ़ साहिब (श्री आनंदपुर साहिब).
प्रस्ताव पेश करते हुए मान ने कहा था कि सरकार इन पवित्र शहरों के विकास, साफ-सफाई, सुरक्षा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए खास कोशिशें करेगी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार जरूरी बजट भी देगी और केंद्र सरकार से भी फंड मांगेगी, 'क्योंकि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए इन जगहों की विरासत को फैलाना बहुत जरूरी है'.
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