
दुनिया का सबसे महंगा और खास शॉल एक ऐसी भेड़ के ऊन से बनता है, जिसकी नस्ल और इसकी कीमत दोनों ही लोगों को हैरान कर देती हैं. दिखने में बेहद हल्का, छूने में रुई जैसा मुलायम और ठंड से बचाने में बेमिसाल होता है. इसीलिए पश्मीना शॉल दुनिया भर में मशहूर है. लेकिन आखिर कौन-सी बकरी का ऊन इसे इतना खास बनाता है और क्यों इसकी कीमत लाखों तक पहुंच जाती है? आइए, जानते हैं इस अनोखे और कीमती शॉल के पीछे की पूरी कहानी.
पश्मीना एक बहुत ही मुलायम, हल्का और गरम शॉल होता है. यह कोई सामान्य ऊन नहीं होता, बल्कि यह एक खास तरह की कश्मीरी बकरी चांगथांगी बकरी से मिलता है. ये बकरियां लद्दाख और हिमालय के बहुत ठंडे इलाकों में रहती हैं, जहां सर्दियों में तापमान -30°C तक चला जाता है. इतनी ठंड में उनके शरीर पर एक बहुत मुलायम और आसान सा अंदरूनी ऊन बनता है, जिसे पश्मीना कहते हैं.
पश्मीना दुनिया का सबसे महंगा शॉल माना जाता है. इसके तीन बड़े कारण हैं-
1. बहुत कम ऊन मिलता है
एक बकरी से साल में सिर्फ 80–150 ग्राम ऊन मिलता है. एक शॉल बनाने के लिए कई बकरियों का ऊन चाहिए होता है. इसलिए यह ऊन बहुत कम और कीमती होता है.
2. पूरा काम हाथ से होता है
3. ऊन बहुत ही महीन होता है
पश्मीना की मोटाई सिर्फ 12-16 माइक्रॉन होती है, यानी यह इंसान के बाल से भी पतला होता है. इसे संभालना और बुनना बहुत मुश्किल काम है.
बाजार में नकली शॉल भी बिकते हैं, इसलिए असली पहचानना जरूरी है.
1. रिंग टेस्ट
असली पश्मीना इतना पतला होता है कि पूरी शॉल एक अंगूठी के अंदर से निकल जाती है.
2. गर्माहट से पहचान
3. बनावट से पहचान
4. कीमत
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