गरमा धान से कम समय में हो सकती है अच्छी कमाई, 90 दिनों में हो जाता है तैयार

गरमा धान से कम समय में हो सकती है अच्छी कमाई, 90 दिनों में हो जाता है तैयार

गरमा धान ग्रीष्म ऋतु में उगाई जाने वाली फसल है. इसके प्रयोग से किसान कम लागत और कम समय में आत्मनिर्भर बन सकते हैं. वैसे भी रबी फसल की कटाई के बाद खेत खाली रहते हैं, किसानों को इसका फायदा उठाना चाहिए.

कम समय के लिए करें गरमा धान की बुवाई
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Apr 23, 2024,
  • Updated Apr 23, 2024, 10:01 AM IST

रबी फसल की कटाई के बाद गरमा धान की रोपाई शुरू हो गयी है. कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा के लिए किसान अपने खेतों में गरमा धान लगाते हैं. भारत में विशेष रूप से धान की बुआई खरीफ मौसम में की जाती है. देश में लाखों किसान धान की खेती करते हैं. भारत में सबसे अधिक धान की खेती पश्चिम बंगाल में की जाती है. यहां करीब 54.34 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है. यहां लगभग 146.06 लाख टन धान का उत्पादन होता है. इसके अलावा धान की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में भी की जाती है. खरीफ का मौसम आने वाला है और किसान बारिश से पहले धान की खेती की तैयारी शुरू कर देंगे.

धान की सही किस्मों का करें चयन

फसल उत्पादन में बीज सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यदि अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का प्रयोग किया जाए तो अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. ऐसे में धान का अधिक उत्पादन लेने के लिए किसानों को उन्नत गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करना चाहिए. वहीं गरमा धान की खेती कर किसान कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं. यह 90 दिनों में पककर तैयार हो जाता है.

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90 से 120 दिनों पाक जाता है गरमा धान

रबी फसल की कटाई के बाद खेत खाली रह जाते हैं, ऐसे में किसान खेतों को खाली छोड़ने के बजाय गरमा धान लगाते हैं ताकि वे अधिक मुनाफा कमा सकें. गरमा धान की कटाई भी कम समय में की जा सकती है. हालांकि गर्मी के दिनों में पानी की थोड़ी दिक्कत होती है लेकिन यह धान मात्र 90 से 120 दिनों में पक जाता है और फिर बरसाती धान की रोपाई शुरू कर दी जाती है.

कब करें गरमा धान की बुवाई

किसानों का कहना है कि वो एक ही खेत में तीसरी फसल लेने से किसानों को फायदा होता है. किसान अपने खेत में गरमा धान भी लगाया है और अन्य किसानों को भी गरमा धान लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

गरमा धान ग्रीष्म ऋतु में उगाई जाने वाली फसल है. इसके प्रयोग से किसान कम लागत और कम समय में आत्मनिर्भर बन सकते हैं. वैसे भी रबी फसल की कटाई के बाद खेत खाली रहते हैं, किसानों को इसका फायदा उठाना चाहिए.

अच्छी कमाई के लिए लगाएं गरमा धान

यह गरमा धान है जो कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा देता है. इसकी रोपाई अप्रैल-मई माह में की जाती है. उस समय रबी का मौसम समाप्त हो जाता है. ऐसे में किसान खाली पड़े खेतों में गरमा धान लगाते हैं और धान कम समय यानी 90 दिनों के अंदर सुनहरे रंग के साथ तैयार हो जाता है. धान की कटाई जुलाई माह में की जाती है.

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