साइकिल के पुर्जों से बनाई बाप्पा की मूर्ति, पशुओं का टीकाकरण और रक्तदान शिविर भी लगाया

साइकिल के पुर्जों से बनाई बाप्पा की मूर्ति, पशुओं का टीकाकरण और रक्तदान शिविर भी लगाया

मंडल के सचिव पृथ्वी टिबोले ने बताया, पिछले साल भी हमने चटाई और बांस से गणेश प्रतिमा बनाई थी, इस साल हमने पुरानी साइकिल के पुर्जों से गणेश प्रतिमा बनाई है. गणेश विसर्जन के बाद, हम उससे फिर से साइकिल बना सकते हैं. यह गणेश मंडल नागरिकों के हित के लिए काम करता है.

साइकिल के पार्ट्स से बनाई बप्पा की मूर्तिसाइकिल के पार्ट्स से बनाई बप्पा की मूर्ति
रोहिदास हातागले
  • Beed,
  • Sep 01, 2025,
  • Updated Sep 01, 2025, 1:37 PM IST

पूरे महाराष्ट्र में दस दिवसीय गणेश उत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें विभिन्न प्रकार की गणेश प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. लेकिन बीड जिले में पुरानी साइकिल के पुर्जों से पांच फीट की गणेश प्रतिमा बनाई गई है. मूर्ति को गणेश मंडल द्वारा स्थापित किया गया है. धारुर शहर के नगर क्षेत्र में स्थित मठ गली में जय किसान गणेश मंडल द्वारा पिछले 60 वर्षों से गणेशोत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह गणेश मंडल जिले में एक पर्यावरण-अनुकूल गणेश मंडल के रूप में जाना जाता है और अब तक कई राज्य स्तरीय पुरस्कार जीत चुका है. पुरुष प्रधान संस्कृति में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, इस वर्ष जय किसान गणेश मंडल की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी गई है.

साइकिलों के बेकार हिस्सों से बनाई गणेश प्रतिमाएं

इस गणेश मंडल ने पुरानी साइकिलों के बेकार हिस्सों से गणेश प्रतिमाएं बनाई हैं. इसमें टायर कवर, पत्तों से गणेश की सूंड, सीट और चेन कवर, पत्तों से पैर, पहियों से पेट, पंडालों से आंखें, सीटों से टोपी, चेन की माला, ब्रेक रॉड से हाथ आदि का इस्तेमाल किया गया है. गणेश मंडल के एक पदाधिकारी ने आजतक को बताया कि इस गणेश प्रतिमा की स्थापना पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से की गई है और दस दिनों के दौरान हमने स्वच्छता, वृक्षारोपण, किशोरियों को मार्गदर्शन, पशुओं का टीकाकरण सहित विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यक्रम आयोजित किए हैं.

पिछले साल चटाई और बांस से बनाई थी गणेश प्रतिमा

मंडल के सचिव पृथ्वी टिबोले ने बताया, पिछले साल भी हमने चटाई और बांस से गणेश प्रतिमा बनाई थी, इस साल हमने पुरानी साइकिल के पुर्जों से गणेश प्रतिमा बनाई है. गणेश विसर्जन के बाद, हम उससे फिर से साइकिल बना सकते हैं. यह गणेश मंडल नागरिकों के हित के लिए काम करता है. इस साल हम इन दस दिनों में पशुओं का टीकाकरण, रक्तदान शिविर और महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं.

पर्यावरण-अनुकूल बनाते हैं गणेश मूर्तियां

पिछले पांच सालों से हम पर्यावरण-अनुकूल गणेश मूर्तियां बनाते आ रहे हैं. यह गणेश मंडल इन दस दिनों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करता है. इस साल हमने पुरानी साइकिल के पुर्जों से गणेश मूर्तियां बनाई हैं. जिन्हें रीसायकल किया जा सकता है. यानी दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है.

साइकिल की मूर्ति का दोबारा इस्तेमाल

हमने बच्चों के घरों में रखी साइकिलें इकट्ठी कीं. गणेश जी की मूर्ति बनाने में मुझे दो दिन लगे. शुरुआत में मैं प्लास्टिक की मूर्ति बनाने के बारे में सोच रहा था, लेकिन वह विसर्जित होने के बाद नष्ट नहीं होती, इसलिए हमने साइकिल की मूर्ति बनाई. हम तैयार साइकिल की मूर्ति का दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं. इसलिए हमने पुरानी साइकिलों के पुर्जों से मूर्ति बनाई. अब तक हमें ज़िला पुरस्कार भी मिल चुका है, कलाकार ईश्वर उमाप ने बताया.

धारुर स्थित जय किसान गणेश मंडल की पूरी टीम द्वारा पुरानी साइकिलों के स्पेयर पार्ट्स से पर्यावरण-अनुकूल गणेश बनाने की अभिनव और सराहनीय पहल की खूब सराहना हो रही है और इस गणेश प्रतिमा को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी है.

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