Crop Survey: केरल में क्रॉप सर्वे की तैयारी, किसानों और फसलों का बनेगा डिजिटल रिकॉर्ड

Crop Survey: केरल में क्रॉप सर्वे की तैयारी, किसानों और फसलों का बनेगा डिजिटल रिकॉर्ड

कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे इस फसल सर्वे में पूरा सहयोग करें. विभाग का कहना है कि डिजिटल सर्वे से किसानों को मिलने वाले सरकारी लाभों की प्रक्रिया और भी तेज, पारदर्शी और तकनीक-आधारित हो जाएगी. राज्य सरकार उम्मीद कर रही है कि इस पहल से कृषि क्षेत्र में सटीक डेटा प्रबंधन, नीतियों की बेहतर निगरानी और कृषि उत्पादन में सुधार संभव होगा. 

केंद्र सरकार ने राज्यों से बेहतर कृषि डेटा के लिए नई तकनीकी पहल अपनाने का आग्रह किया है.केंद्र सरकार ने राज्यों से बेहतर कृषि डेटा के लिए नई तकनीकी पहल अपनाने का आग्रह किया है.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 19, 2025,
  • Updated Oct 19, 2025, 6:35 AM IST

केरल के कृषि विभाग ने पूरे राज्य में डिजिटल क्रॉप सर्वे की तैयारी शुरू कर दी है. इसका मकसद किसानों, कृषि भूमि और फसलों से जुड़क लेटेस्‍ट और अपडेटेड डेटा मुहैया कराना है. इस सर्वे के लिए चुने गए सर्वेक्षक अपने-अपने अलॉटेड खेतों का दौरा करेंगे. ये अधिकारी वहां से जानकारी जुटाएंगे, जगह की जियो-टैगिंग करेंगे और उसकी फोटो भी लेंगे. यह सर्वे केंद्रीय क्षेत्र योजना का हिस्सा है. इस प्रक्रिया से तैयार होने वाला डेटाबेस राज्य के कृषि विभाग को नई योजनाओं की बेहतर ढंग से योजना बनाने और उन्हें प्रभावी रूप से लागू करने में मदद करेगा. 

क्‍या होता है क्रॉप सर्वे 

रेवेन्‍यू रिकॉर्ड के आधार पर की जाने वाली यह डेटा-कलेक्‍शन प्रक्रिया यह जांचती है कि कोई खास जमीन खेती के अधीन है, परती पड़ा है या गैर-कृषि भूमि है. सर्वे में फसलों के प्रकार और सिंचाई की स्थिति से जुड़ी जानकारी भी दर्ज की जाती है. सभी डेटा एक मोबाइल ऐप के माध्यम से अपलोड किया जाता है. यह सर्वे वर्ष में दो बार, खरीफ और रबी मौसम के दौरान किया जाता है. 

कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे इस फसल सर्वे में पूरा सहयोग करें. विभाग का कहना है कि डिजिटल सर्वे से किसानों को मिलने वाले सरकारी लाभों की प्रक्रिया और भी तेज, पारदर्शी और तकनीक-आधारित हो जाएगी. राज्य सरकार उम्मीद कर रही है कि इस पहल से कृषि क्षेत्र में सटीक डेटा प्रबंधन, नीतियों की बेहतर निगरानी और कृषि उत्पादन में सुधार संभव होगा. 

किसानों को मिलते कितने फायदे 

सर्वे प्रक्रिया के दौरान एकत्र किया गया डेटा रेवेन्‍यू रिकॉर्ड के आधार पर जांचा जाएगा ताकि यह पता चल सके कि कोई जमीन खेती के अंतर्गत है, परती पड़ी है या गैर-कृषि भूमि है. फसल के प्रकार और सिंचाई की स्थिति से संबंधित जानकारी भी दर्ज की जाएगी. यह सभी जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप में अपलोड की जाएगी. इस डिजिटल डेटाबेस से किसानों को कई केंद्रीय योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा, जैसे- 

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
  • कृषि ऋण योजनाएं
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) 

डिजिटल क्रॉप सर्वे क्या होता है?

डिजिटल क्रॉप सर्वे  एक मॉर्डन टेक्निकल प्रॉसेस है. इसके जरिए सरकार किसानों, उनकी खेती वाली जमीन और फसलों से जुड़ा सटीक और अपडेटेड डेटा डिजिटल कलेक्‍ट करती है. इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार के पास हर किसान और उसकी फसल की सही जानकारी हो. इससे नीतियों को बेहतर तरीके से बनाने और लागू करने में सुविधा होती हे. 

कैसे होता है यह पूरा सर्वे 

  • सर्वे टीमें या अधिकारी किसानों के खेतों का दौरा करते हैं. 
  • ये खेतों की जियो-टैगिंग करते हैं यानी खेत की लोकेशन को GPS के जरिए रिकॉर्ड करते हैं. 
  • खेत और फसल की फोटो ली जाती है ताकि उसका वास्तविक रिकॉर्ड बन सके. 
  • कई अहम जानकारियां यानी फसल बोन से लेकर सिंचाई, और भूमि खेती योग्‍य है या नहीं, इसका पता लगता है. 
  • वहीं फसल का क्षेत्रफल कितना है यह सब एक मोबाइल ऐप में दर्ज किया जाता है. 
  • यह डेटा राज्य और केंद्र सरकार के कृषि डेटाबेस में अपलोड हो जाता है. 

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