Jute Seed: बांग्लादेश को जूट बीज निर्यात पर तुरंत रोक लगे, मिल मालिकों ने केंद्र से की मांग

Jute Seed: बांग्लादेश को जूट बीज निर्यात पर तुरंत रोक लगे, मिल मालिकों ने केंद्र से की मांग

कच्चे जूट के निर्यात पर बांग्लादेश की पाबंदी से भारतीय जूट उद्योग संकट में, IJMA ने गोल्डन फाइबर से बने उत्पादों के आयात को सख्ती से रेगुलेट करने की अपील की.

भारत ने जूट आयात पर लगाया प्रतिबंधभारत ने जूट आयात पर लगाया प्रतिबंध
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Dec 19, 2025,
  • Updated Dec 19, 2025, 7:01 PM IST

मिल मालिकों के एक एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश को जूट के बीज के एक्सपोर्ट पर तुरंत बैन लगाने और गोल्डन फाइबर से बने सामानों के इंपोर्ट को रेगुलेट करने की अपील की है. उन्होंने पड़ोसी देश द्वारा कच्चे जूट के एक्सपोर्ट पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण घरेलू इंडस्ट्री में बढ़ते संकट का हवाला दिया है.

गुरुवार को केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह को लिखे एक पत्र में, इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (IJMA) ने कहा कि 8 सितंबर से कच्चे जूट के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के बांग्लादेश के एकतरफा फैसले से भारत में कच्चे माल की भारी कमी हो गई है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.

जूट मिलें गंभीर संकट में

एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि कच्चे माल की कमी और बढ़ती कीमतों के मिले-जुले असर से भारतीय जूट मिलें गंभीर वित्तीय संकट में आ गई हैं, जिससे जूट वैल्यू चेन की स्थिरता और इस सेक्टर में लाखों मजदूरों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है.

IJMA ने चिंता जताई और कहा कि जहां बांग्लादेश ने भारतीय मिलों को कच्चे जूट की सप्लाई रोक दी है, वहीं पड़ोसी देश हाई-यील्डिंग वैरायटी (HYV) जूट के बीजों के लिए लगभग पूरी तरह से भारत पर निर्भर है.

IJMA ने कहा कि इन बीजों का इस्तेमाल बांग्लादेश में जूट का सामान बनाने के लिए किया जाता है, जिसे बाद में कम कीमतों पर भारत में निर्यात किया जाता है, जिससे घरेलू निर्माताओं को नुकसान होता है.

बीज पर प्रतिबंध की मांग

मिल मालिकों के एसोसिएशन ने कहा कि भारत से अधिक उपज वाले जूट के बीजों के लगातार निर्यात से भारतीय किसानों के लिए इसकी उपलब्धता भी कम हो गई है और यह भविष्य में घरेलू उत्पादन पर उलटा प्रभाव डाल सकता है.

एसोसिएशन ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जूट के बीजों को एक रणनीतिक कृषि इनपुट के रूप में माना जाना चाहिए. इस संकट से निपटने के लिए, मिल मालिकों ने जूट कमिश्नर के कार्यालय द्वारा जारी लाइसेंस के माध्यम से जूट के सामान के आयात पर सख्त रेगुलेशन और जूट के बीजों, खासकर हाई यील्ड बीजों के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

एसोसिएशन ने कहा कि ये कदम किसानों के हितों की रक्षा करने और घरेलू जूट उद्योग की भलाई सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं, जब तक कि बांग्लादेश सामान्य कच्चे माल का निर्यात फिर से शुरू नहीं कर देता.

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