अब दूसरे देशों की भूख मिटाएगा भारत का चावल, सरकारी गोदामों में चार गुना ज्यादा भरा स्टॉक

अब दूसरे देशों की भूख मिटाएगा भारत का चावल, सरकारी गोदामों में चार गुना ज्यादा भरा स्टॉक

देश के सरकारी गोदामों में चावल का स्टॉक भरा पड़ा है. यह तब है जब सरकार ओपन मार्केट सेल स्कीम, फ्री राशन योजना और इथेनॉल का प्रोग्राम चला रही है. गोदामों में भरे पड़े स्टॉक के बीच भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम में अपना चावल देने का फैसला किया है. इससे कई देशों में भूख की समस्या से निजात मिलेगी.

Wheat and rice extra stockWheat and rice extra stock
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 26, 2025,
  • Updated Aug 26, 2025, 1:28 PM IST

देश में सरकारी गोदाम चावल से भरे पड़े हैं. यह हालत तब है जब सरकार ने खुले बाजार में चावल की बिक्री के लिए ओपन मार्केट सेल जैसी स्कीम शुरू की है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी फ्री राशन स्कीम में चावल बांटे जाने के बाद भी सरकार के एफसीआई गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं. इसे देखते हुए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के अभियान वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत दूसरे देशों में फोर्टिफाइड चावल की सप्लाई करने पर हामी भर दी है.

एक रिपोर्ट बताती है कि देश के अनाज बाजार में ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत चावल की बिक्री करने, राज्यों को चावल का कोटा देने और इथेनॉल के लिए चावल का हिस्सा निकालने के बाद भी सरकारी गोदामों में इसका स्टॉक भरा हुआ है. ओपन मार्केट सेल स्कीम सरकार ने इसलिए शुरू किया था ताकि खुले बाजार में चावल की सप्लाई दुरुस्त हो जिससे कि उपभोक्ताओं को सस्ते में अनाज मिल सके. स्कीम के अंतर्गत इस साल चावल की इतनी सप्लाई की गई कि पिछले साल के ओपन मार्केट सेल का रिकॉर्ड टूट गया. 

गोदामों में स्टॉक से चार गुना अधिक चावल

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल ओपन मार्केट सेल में सरकार ने 4.63 मीट्रिक टन चावल की बिक्री की थी जबकि इस साल अभी तक ही यह बिक्री 4.19 मीट्रिक टन को पार कर सकती है. आगे अभी बहुत समय बाकी है. इस स्कीम में सब्सिडी रेट पर खुले बाजार में चावल की बिक्री की जाती है. केंद्र सरकार के स्टॉक में अभी 53 मीट्रिक टन चावल जमा है जबकि बफर स्टॉक का नियम 10.25 मीट्रिक टन ही है. इस तरह स्टॉक से चार गुना अधिक चावल सरकारी गोदामों में भरा पड़ा है.

फ्री राशन स्कीम में चावल बांटती है सरकार

अधिकारियों ने 'बिजनेसलाइन' को बताया कि मिलरों से एफसीआई को 14 मीट्रिक टन चावल मिलना बाकी है. एफसीआई और राज्य सरकार की क्रय एजेंसियां किसानों ने हर साल तकरीबन 52 से 53 मीट्रिक टन चावल की खरीफ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करती हैं. इसमें से एफसीआई लगभग 36 से 38 मीट्रिक टन चावल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत फ्री राशन स्कीम के लिए राज्यों को देता है. इन सभी योजनाओं को सुचारू ढंग से चलाने के बाद भी देश में चावल का स्टॉक भरा हुआ है.

दूसरे देशों में चावल भेजेगा भारत

इसे देखते हुए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम में अपनी सहभागिता देने पर हामी भर दी है. इस अभियान के तहत भारत सरकार उन देशों में फोर्टिफाइड चावल की सप्लाई करेगी जहां भूख की समस्या गंभीर है और जहां खाद्यान्न का संकट बरकरार है. संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के कुछ हिस्सों को संकट क्षेत्र घोषित किया है जहां भुखमरी और खाद्यान्न संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. इन देशों में भारत सरकार अपने फोर्टिफाइड चावल की सप्लाई भेजेगा. इस तरह दुनिया के कई देशों में भारत का चावल अब भूख मिटाने के लिए भेजा जाएगा.

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