मसाला फसलों में सौंफ का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. सौंफ अपनी खुशबू के कारण लोकप्रिय होने के साथ ही औषधि के रूप में भी पहचानी जाती है. इसका सब्जियों में प्रयोग होने के साथ ही आचार बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. यदि इसके औषधीय महत्व की बात करें तो इसे कई रोगों में दवा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. साथ ही इसे किसी भी तरीके से खाने से शरीर को लाभ ही पहुंचता है.
वहीं यदि व्यवसायिक स्तर पर इसकी खेती की जाए तो काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. ऐसे में आपको जानना जरूरी है कि सौंफ उत्पादन में गुजरात के साथ ही छह राज्य कौन से हैं और कितनी पैदावार करते हैं. आइए जानते हैं.
बात करें सौंफ उत्पादन की तो इसमें गुजरात देश के अन्य सभी राज्यों में सबसे आगे है. यहां की जलवायु और मिट्टी सौंफ की खेती के लिए काफी बेहतर है. इस वजह से सबसे अधिक सौंफ उत्पादन गुजरात में होता है. एग्रीकल्चर स्टेट बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले सौंफ में गुजरात अकेले 98,400 टन यानी 71.67 प्रतिशत सौंफ का उत्पादन करता है.
ये भी पढ़ें:- मात्र 37 रुपये में खरीदें मेथी की इस खास किस्म के बीज, जानें घर बैठे मंगवाने का आसान तरीका
भारत का दूसरा सबसे बड़ा सौंफ उत्पादक राज्य राजस्थान है. यहां पर भी बड़ी संख्या में सौंफ की खेती की जाती है. यहां के किसान 34,130 टन और प्रतिशत की बात करें तो 24.86 फीसदी का उत्पादन करते हैं. तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, यहां 2620 टन 1.91 फिसदी सौंफ का उत्पादन किया जाता है. इसके बाद सौंफ उत्पादन में पश्चिम बंगाल है. यहां के किसान 1060 टन सौंफ की पैदावार करते हैं. वहीं पांचवे स्थान पर उत्तर प्रदेश है जहां 640 टन सौंफ का उत्पादन होता है. इसके बाद हरियाणा है. यहां के किसान 240 टन सौंफ का उत्पादन करते हैं. सातवें स्थान पर कर्नाटक है. इस राज्य की हिस्सेदारी सौंफ उत्पादन में 200 टन है.
सौंफ का इस्तेमाल हर घर में किया जाता है. रेस्तरां और दूसरी जगहों पर खाने के बाद सौंफ दिया जाता है. सौंफ की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मी में इसका इस्तेमाल बढ़ जाता है. सौंफ में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी होते हैं. सौंफ का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि यह याद्दाश्त बढ़ाता है और शरीर को ठंडा रखता है. इसके अलावा सौंफ खाने से आंखों की रोशनी बेहतर होती है.