मंडियों से आगे बढ़े किसान: NCDEX पर 35 FPOs की 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री

मंडियों से आगे बढ़े किसान: NCDEX पर 35 FPOs की 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री

FY26 में FPOs की बिक्री में उछाल, 35 किसान समूहों ने NCDEX पर ₹1 करोड़ से अधिक की बिक्री की. जानिए डिजिटल प्लेटफॉर्म से कैसे बदल रही है किस्मत.

अब किसानों को मिल रहा है फसल का सही दामअब किसानों को मिल रहा है फसल का सही दाम
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 22, 2025,
  • Updated Oct 22, 2025, 1:57 PM IST

किसान उत्पादक संगठन (FPOs) अब पारंपरिक मंडियों से आगे बढ़कर कमोडिटी एक्सचेंज के ज़रिए अपनी उपज बेच रहे हैं. वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में यह ट्रेंड और मजबूत हुआ है. इससे न सिर्फ किसानों को बेहतर दाम मिल रहे हैं, बल्कि व्यापार भी अधिक पारदर्शी और औपचारिक हो गया है.

NCDEX पर 377 करोड़ रुपये की बिक्री

इस साल अप्रैल से सितंबर 2025 तक, NCDEX (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज) पर 62 FPOs ने कुल ₹377 करोड़ की कृषि उपज बेची. इनमें जीरा, कैस्टर, धनिया, हल्दी, कपास, कपास बीज खल और ग्वारसीड जैसे उत्पाद शामिल हैं. इनमें से 35 FPOs ऐसे रहे जिन्होंने अकेले ₹1 करोड़ से ज्यादा की बिक्री की है.

कमोडिटी एक्सचेंज से मिले फायदे

कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, कमोडिटी एक्सचेंज के ज़रिए व्यापार करने से किसानों को पारदर्शी तरीके से भुगतान सीधे बैंक खाते में मिलता है. इसके अलावा, किसान मंडियों में दलालों पर निर्भर नहीं रहते और अपनी उपज की उचित कीमत पा सकते हैं.

MCX भी इस पहल में हुआ शामिल

देश का सबसे बड़ा कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज MCX भी अब FPOs को अपने प्लेटफॉर्म पर शामिल कर रहा है. अब तक 25 किसान समूहों को इसमें जोड़ा जा चुका है. MCX पर जल्द ही मेंटा को भी फ्यूचर्स ट्रेडिंग में शामिल किया जाएगा.

छोटे किसानों को बड़ा फायदा

  • मंडोर किसान प्रोड्यूसर कंपनी, जो जोधपुर, राजस्थान की एक FPO है, ने FY25 में ₹2.25 करोड़ की कुल बिक्री की.
  • इसमें से ₹1.5 करोड़ की बिक्री अकेले NCDEX के ज़रिए हुई.
  • इस FPO में 750 किसान सदस्य हैं और FY26 में ये ₹2-3 करोड़ तक का व्यापार करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.

अधिक फसलों को शामिल करने की मांग

कई किसान संगठनों ने यह मांग की है कि और फसलों को फ्यूचर्स ट्रेडिंग के लिए खोला जाए.
हालांकि, SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने सात प्रमुख कृषि फसलों की डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर रोक को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है. इन फसलों में - धान (गैर-बासमती), गेहूं, चना, सरसों, सोयाबीन, क्रूड पाम ऑयल और मूंग शामिल हैं.

FY25 में रिकॉर्ड बिक्री

  • FY25 में 340 FPOs ने ₹10 करोड़ से अधिक का कारोबार किया.
  • वहीं, 1,100 से ज्यादा FPOs ने ₹1 करोड़ से अधिक की बिक्री की.
  • सभी FPOs की कुल बिक्री ₹15,282 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है.

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बढ़ती मौजूदगी

  • सरकार के ONDC (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) प्लेटफॉर्म पर अब तक 9,450 से ज्यादा FPOs जुड़ चुके हैं.
  • साथ ही, GeM, Amazon और Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भी किसान अपने उत्पाद बेच रहे हैं.

कमोडिटी एक्सचेंज और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए बिक्री से किसान संगठनों को एक नई दिशा मिली है.
अब वे पारंपरिक मंडियों से निकलकर सीधे बाजार तक पहुंच पा रहे हैं और उचित मूल्य प्राप्त कर रहे हैं.
इससे किसानों की आमदनी में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.

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