भारतीय किसान अब पारंपरिक फसलों की खेती को छोड़कर व्यवसायिक खेती की और तेजी से रुख कर रहे हैं. एक ऐसी ही फसल है अदरक जिसकी मांग सर्दियों के दिनों में काफी बढ़ जाती है. अदरक को चाय से लेकर सब्जी बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है.इसके अलावा इससे सौंठ बनाई जाती है जिसका बाजार में कच्ची अदरक से ज्यादा भाव मिलता है. पर क्या आप जानते हैं कि अदरक का सबसे अधिक उत्पादन किस राज्य में होता है? यानी कहां से पूरे देश में सबसे अधिक पहुंचता है अदरक. इसके लिए पढ़ें ये रिपोर्ट-
भारत में सबसे अधिक अदरक का उत्पादन मध्य प्रदेश में होता है. यानी अदरक उत्पादन के मामले में ये राज्य अव्वल है. यहां के किसान हर साल बंपर अदरक का उत्पादन करते हैं. देश की कुल अदरक उत्पादन में मध्य प्रदेश का 26.07 फीसदी की हिस्सेदारी है. यहां की मिट्टी और जलवायु अदरक की खेती के लिए बेहतर मानी जाती है.
अदरक उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश जहां सबसे आगे है. तो वहीं उसके बाद दूसरे स्थान पर ओडिशा है. यहां के किसान अधिक मात्रा में अदरक उगाते है. यहां कुल 10.96 फीसदी अदरक का उत्पादन किया जाता है. वहीं, इसके उत्पादन में तीसरे पायदान पर कर्नाटक है. यहां अदरक का 9.98 फीसदी उत्पादन किया जाता है. इसके अलावा चौथे पायदान पर असम है. इस राज्य का अदरक उत्पादन में 7.50 फीसदी की हिस्सेदारी है. साथ ही पांचवें नंबर पर महाराष्ट्र है जहां अदरक की 6.07 फीसदी पैदावार होती है. वहीं, छठे पायदान पर पश्चिम बंगाल है. यहां अदरक का 5.98 फीसदी उत्पादन किया जाता है. यानी ये छह राज्य मिलकर कुल लगभग 65 फीसदी अदरक का उत्पादन करते हैं.
अदरक में कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, वहीं, अदरक के कई फायदे भी हैं. अदरक पाचन क्रिया को सुधारता है, मतली और उल्टी को कम करता है, सूजन-रोधी गुणों से दर्द और सूजन से राहत दिलाता है, इसके अलावा सर्दी-खांसी में लाभदायक है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन भी होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
अदरक की खेती गर्म प्रदेशों में की जाती है. इसके लिए औसतन 25 डिग्री से 35 डिग्री का तापमान उपयुक्त रहता है. इसके खेतों का चयन करते वक्त ये ध्यान रखें कि वहां जलनिकासी की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध हो. साथ ही ध्यान रखें कि अदरक की फसल बलुई दोमट और चिकनी मिट्टी में काफी अच्छे तरीके से विकसित होती है. अदरक की बुवाई करते समय सबसे जरूरी चीज होती है कतार. इसके लिए आपको एक कतार से दूसरे कतार की दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 25 से 25 सेंटीमीटर होना चाहिए. बुवाई के बाद हल्के मिट्टी या गोबर की खाद से इसके बीजों को ढक देना चाहिए.