चाय खरीद को लेकर असम ने केंद्र सरकार से की ये अपील, फैसले पर विचार करने को कहा

चाय खरीद को लेकर असम ने केंद्र सरकार से की ये अपील, फैसले पर विचार करने को कहा

नॉर्थ-ईस्टर्न टी एसोसिएशन (NETA) ने डस्ट टी की अनिवार्य 100 परसेंट नीलामी पर आपत्ति जताई है. यह तर्क देते हुए कि सरकार नीलामी के माध्यम से दाम मिलने और बिक्री के लिए लगने वाले समय की गारंटी नहीं दे सकती. असम सरकार ने केंद्र को लिखे अपने पत्र में चाय किसानों, उत्पादकों और मजदूरों के हितों का ध्यान रखने का आग्रह किया गया है.

असम में चाय का उत्पादन होगा प्रभावित. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 03, 2024,
  • Updated Apr 03, 2024, 7:37 PM IST

असम सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि डस्ट टी की बिक्री पूरी तरह से नीलामी के जरिये कराने वाले निर्णय पर दोबारा विचार किया जाए क्योंकि इससे असम के चाय किसानों, उत्पादकों और उस पर निर्भर मजदूरों की कमाई पर असर पड़ेगा. 23 फरवरी को इस बाबत केंद्र सरकार ने एक गजेट जारी करते हुए कहा था कि उत्तर भारत के चाय बागानों में उगाई चाय से बनी 100 परसेंट डस्ट ग्रेड टी की खरीद नीलामी के जरिये की जाएगी. गजेट के मुताबिक यह नियम 1 अप्रैल से लागू हो गया है. इस नियम में मिनी टी गार्डन भी शामिल किए गए हैं.

असम सरकार ने केंद्र को लिखे अपने पत्र में चाय किसानों, उत्पादकों और मजदूरों के हितों का ध्यान रखने का आग्रह किया गया है. पत्र में कहा गया है कि देश में सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य होने के नाते असम में लगभग 10 लाख श्रमिक सीधे तौर पर चाय उद्योग में जुड़े हैं. साथ ही 1.25 लाख से अधिक छोटे चाय उत्पादक भी हैं. ये छोटे चाय उत्पादक राज्य में उगाई गई कुल हरी चाय की पत्तियों में लगभग 48 परसेंट का योगदान करते हैं.

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चाय की नीलामी पर आपत्ति

नॉर्थ-ईस्टर्न टी एसोसिएशन (NETA) ने डस्ट टी की अनिवार्य 100 परसेंट नीलामी पर आपत्ति जताई है. यह तर्क देते हुए कि सरकार नीलामी के माध्यम से दाम मिलने और बिक्री के लिए लगने वाले समय की गारंटी नहीं दे सकती. NETA ने कहा कि चाय उत्पादकों को अपनी उपज को उपयुक्त तरीके से बेचने की छूट होनी चाहिए.

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NETA ने उत्पादकों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ पर जोर दिया, जो चाय बागानों के मजदूरों को समय पर वेतन देने और छोटे चाय उत्पादकों से हरी पत्तियां खरीदने के लिए जिम्मेदार हैं. एसोसिएशन ने कहा कि इससे नकद पैसे आने और उसे मजदूरों या बागान से जुड़े लोगों को देने में रुकावट आ सकती है. असम सरकार ने इन सभी बातों का हवाला देते हुए केंद्र से 100 परसेंट नीलामी के जरिये डस्ट चाय की खरीद के फैसले पर विचार करने को कहा है. 

 

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