राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. यह भी दावा किया जा रहा है कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा. बीते कुछ समय से कटारिया राजस्थान में नहीं हैं. किसान तक सूत्रों के मुताबिक वे उत्तराखंड में कहीं अध्यात्म की ओर रुख कर गए हैं. हालांकि उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि वे हर चुनाव के समय ऐसा करते हैं, लेकिन चुनाव नहीं लड़ने की बात पहली बार सामने आई है.
किसान तक ने कटारिया को फोन कर उनकी टिप्पणी लेनी चाही, लेकिन उनका फोन नहीं उठा. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई थी. कांग्रेस में टिकटों की मारामारी के बीच यह बात गौर करने वाली है कि कटारिया जैसे नेता चुनाव नहीं लड़ना चाह रहे.
कटारिया के प्रवक्ता के अनुसार उन्होंने यह जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पार्टी महासचिव केसी. वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पहले ही बता दी थी. प्रवक्ता के अनुसार कटारिया ने हाइकमान को अपनी इच्छा के बारे में दो साल पहले ही बता दिया था.
लालचंद कटारिया जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से 2018 में चुनाव जीते थे. उन्होंने भाजपा के राजपाल सिंह शेखावत को 10747 वोटों से हराया था. कटारिया फिलहाल राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री हैं. कटारिया के चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद यह सीट अब पहले की तुलना में काफी रोचक हो गई है.
ये भी पढ़ें- Rajasthan Assembly Elections 2023: शुरू हो गए नामांकन, आज पायलट ने भरा नामांकन
क्योंकि भाजपा ने राजपाल शेखावत का टिकट काटकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और फिलहाल सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिया है. राठौड़ का शेखावत समर्थक टिकट मिलने के दिन से ही विरोध कर रहे हैं. ऐसे में अब कांग्रेस के सामने भी कटारिया जैसा मजबूत उम्मीदवार ढूंढ़ने की चुनौती आ गई है.
ये भी पढ़ें- Rajasthan: एक नवंबर से शुरू होगी खरीफ उपज खरीद, बनाए गए 873 खरीद केन्द्र
कटारिया के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद सियासी गॉशिप होने लगीं. कई नेताओं के नाम सामने आने लगे हैं. किसान तक ने अपने कई कांग्रेसी सूत्रों से बात की. सामने आया कि एथलीट बजरंग पूनिया का भी नाम सामने आने लगा है. वे जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. चर्चा है कि अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस उन्हें झोटवाड़ा से टिकट दे सकती है. इससे राज्यवर्धन का तोड़ भी पार्टी को मिल सकेगा.