भारत क्रांतियों के लिए जाना-जाने वाला देश है. भारत में खेती-किसानी से जुड़ी कई क्रांतियों के बारे में आपने सुना या पढ़ा होगा, जिसमें श्वेत क्रांति, हरित क्रांति, नीली क्रांति, रजत क्रांति और सुनहरी क्रांति शामिल हैं. वहीं इसके अलावा कृषि क्षेत्र में एक और क्रांति शामिल है जिसे गुलाबी क्रांति के नाम से जाना जाता है. यह क्रांति भारत में गुलाबी क्रांति की शुरुआत 2014 में हुई थी. पर क्या आप जानते हैं कि कृषि क्षेत्र में "गुलाबी क्रांति" का संबंध किससे है? आइए जानते हैं.
गुलाबी क्रांति मुख्य रूप से झींगा मछली और प्याज के लिए मशहूर क्रांति है. इसमें झींगा मछली के पालन, उत्पादन और निर्यात के अलावा प्याज की खेती को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं. ये क्रांति इन सभी मछली पालन और उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए की गई थी.
आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए झींगा मछली का उत्पादन गुलाबी क्रांति का सिद्धांत रहा है. इस क्रांति को झींगा मछली के मांग को पूरा करने के लिए और देश में इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था. इस क्रांति के जनक दुर्गेश पटेल को माना जाता है. वहीं,अलग-अलग क्रांतियों के बाद भारत का जोर अब पिंक रिवॉल्यूशन यानी गुलाबी क्रांति के माध्यम से झींगा मछली और प्याज के क्षेत्रों पर है.
1. झींगा मछली पालन खेती के साथ भी आसानी से की जा सकती है.
2. ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे जल क्षेत्रों में भी झींगा पालन से अच्छी कमाई की जा सकती है.
3. झींगा मछली पालन के लिए ताजा और साफ पानी की जरूरत होती है.
4. इस मछली को पालने के लिए पानी का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए.
5. झींगा मछली पालन के लिए 1,500 वर्ग फीट का क्षेत्र काफी अच्छा रहता है.
6. इसके पालन के लिए 8 x 8 फुट का तालाब तैयार किया जा सकता है, जिसकी गहराई लगभग 5 फीट होनी चाहिए.
7. झींगा मछली पालन में शुरुआत में प्रति एकड़ तालाब में लगभग 75,000 रुपये की लागत आती है.
8. वहीं, झींगा मछली लगभग 8 से 9 महीनों में तैयार हो जाती है.
झींगा मछली पालन वर्तमान समय में पैसे कमाने का एक बढ़िया जरिया है. झींगा पालन में लाभ बेहतर होता है. इस मछली के स्वाद के कारण बाजार में इसकी बहुत मांग रहती है. इसके अलावा पूरे विश्व में भी झींगा की डिमांड काफी अधिक है. झींगा न केवल बिजनेस के लिए है बल्कि हमारे लिए कई तरह से फायदेमंद है. झींगे में फैटी एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो दिल को स्वस्थ रखने में मददगार है.