एग्री प्रोडक्शन से पैदा होने वाली ग्रीनहाउस गैसों में 30 फीसदी कटौती जरूरी, कंपनियों के लिए निगरानी मानक बन रहे 

एग्री प्रोडक्शन से पैदा होने वाली ग्रीनहाउस गैसों में 30 फीसदी कटौती जरूरी, कंपनियों के लिए निगरानी मानक बन रहे 

पेरिस समझौते के अनुरूप होने के लिए कृषि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 30 प्रतिशत की कमी होनी जरूरी. ताकि,  2050 तक ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सके. 

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 03, 2024,
  • Updated Apr 03, 2024, 1:48 PM IST

कृषि उत्पादन से पैदा होने वाली ग्रीनहाउस गैसों में 30 फीसदी कटौती करनी होगी. पेरिस समझौता लक्ष्य हासिल करने के लिए 2050 तक ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है. इसके लिए 2025 से अगले 5 साल के दौरान एग्री-फूड सेक्टर में सालाना 205 अरब डॉलर निवेश की जरूरत होगी. हालांकि, फूड और एग्री सेक्टर की कंपनियों की ओर से इसको लेकर पर्याप्त समाधान नहीं किए जाने की चुनौतियां बनी हुई हैं. इसके मद्देनजर सरकार स्थिरता कानून के रूप में वॉलंटरी स्टैंडर्ट का उपयोग करते हुए कंपनियों से जलवायु और प्रकृति पर कार्रवाई को अनिवार्य कर रही हैं.

फ्यूचर फिट फूड एंड एग्रीकल्चर रिपोर्ट सीरीज में कहा गया है कि 2050 तक ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के पेरिस समझौते के लक्ष्य के अनुरूप कृषि उत्पादन के कारण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 2030 तक 30 प्रतिशत की गिरावट होनी चाहिए. कहा गया कि 2025 और 2030 के बीच सालाना 205 अरब डॉलर तक के कृषि-खाद्य क्षेत्र के निवेश के माध्यम से 2030 तक सालाना 9 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड में गिरावट हासिल की जा सकती है. 

इनवॉयरमेंट सेफ्टी सॉल्यूशन बढ़ाने की जरूरत 

रिपोर्ट में कहा गया कि एग्रीकल्चर और फूड सेक्टर को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में तत्काल कटौती करके और अपनी वैल्यू चेन के जरिए इनवॉयरमेंट सेफ्टी सॉल्यूशन को बढ़ाकर 1.5 डिग्री सेल्सियस को पहुंच के भीतर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए. रिपोर्ट का उद्देश्य एग्रीकल्चर और फूड सेक्टर की कंपनियों को वर्तमान और उभरते वॉलंटरी मानकों के साथ जलवायु और प्रकृति के लिए निगरानी अनुमानित लक्ष्य को समझने में मदद करना है. इसके अलावा कृषि और कंपनी वैल्यू चेन में जमीन इस्तेमाल में बदलाव से होने वाले ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन से निपटने के लिए गिरावट समाधान लागू करने की वित्तीय लागत और लाभों को उजागर करती है.

इनपुट देने में रुचि नहीं दिखा रहीं कंपनियां 

इनपुट देने में फूड प्रोड्यूसर्स से लेकर व्यापारियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों तक अधिकांश खाद्य और कृषि कंपनियों की रणनीतियां पर्याप्त नहीं हैं. वर्ल्ड बेंचमार्किंग एलायंस के अनुसार 350 सबसे प्रभावशाली फूड और एग्री कंपनियों में से 165 ने अभी तक किसी भी कमिटमेंट का खुलासा नहीं किया है. इन चुनौतियों को देखते हुए नीति निर्माता नए स्थिरता कानून के रूप में वॉलंटरी मानकों का उपयोग करते हुए कंपनियों से जलवायु और प्रकृति पर कार्रवाई को अनिवार्य कर रहे हैं.

कम लागत, मजबूत रिटर्न का लाभ मिलेगा

खाद्य और कृषि कंपनियों को अपनी सप्लाई चेन में किसानों के साथ सहयोग से स्टेबल स्ट्रेटजी देने करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसी कंपनियों को स्थिरता निगरानी को आगे बढ़ाने की स्थिति में कम लागत, मजबूत रिटर्न का लाभ मिलेगा. खाद्य और भूमि उपयोग गठबंधन के कार्यकारी निदेशक मॉर्गन गिलेस्पी ने कहा कि जो लोग जलवायु और प्रकृति संबंधी जिम्मेदारियों को पूरा करने में असफल होंगे, उन्हें लंबी अवधि में हाई कॉस्ट और हाई सप्लाई चेन जोखिमों का सामना करना पड़ेगा.

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