उत्तर प्रदेश के एटा से परेशान करने वाला एक वीडियो सामने आया है. एटा से आई खबर शासन और प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किसान सुबह से खाद की उम्मीद में लाइन में लगे थे. लेकिन बदले में मिली तो सिर्फ पुलिस की लाठियां. खबर ये है कि एटा ज़िले के रिजोर थाना क्षेत्र के मिर्जापुर नई निधौली खुर्द स्थित केंद्रीय थोक उपभोक्ता सहकारी केंद्र पर किसानों को खाद वितरण का इंतज़ार था. खाद की किल्लत से परेशान किसान सुबह से लाइन में खड़े थे.
इसके बाद सहकारी केंद्र पर किसान आते गए और भीड़ बढ़ती चली गई. इसी के साथ किसानों की लाइन लंबी होती गई. इस खाद सेंटर पर भीड़ बढ़ने से धक्का-मुक्की शुरू हो गई. तभी मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने हालात संभालने के बजाय लाठियां बरसाना शुरू कर दी. वीडियो में देखा जा सकता है कि गुस्साए पुलिसकर्मी किसानों पर डंडे बरसा रहे हैं. किसान विरोध करते, बचने की कोशिश कर रहे हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है.
बताया जा रहा है कि ये घटना एक-दो दिन पुरानी है. लेकिन वायरल होते ही प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. अन्नदाताओं की खेती खाद की कमी से पहले ही संकट में है, ऊपर से पुलिस का यह व्यवहार उनके घावों पर नमक छिड़कने जैसा है. सोशल मीडिया पर लोग भी इस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं. कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या किसानों की समस्याओं का हल डंडा है? फिलहाल, इस घटना पर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन वायरल वीडियो ने पूरे जिले में माहौल गरमा दिया है. और अन्नदाता अपने हक़ और सम्मान की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं.
देश के कई हिस्सों से खाद की किल्लत की खबरें आ रही हैं. धान की रोपाई के समय किसानों को यूरिया की जरूरत होती है. किसानों को अन्य फसलों की खेती के लिए भी खाद की जरूरत होती है. मगर इसकी कमी से किसान परेशान हैं. किसान घंटों लाइन में लगे रहते हैं, उसके बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल रही है. दूसरी ओर सरकार का कहना है कि खाद की कमी जैसी कोई बात नहीं है. सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि वह पता करे कि खाद की सप्लाई आखिर कहां जा रही है.(देवेश पाल सिंह का इनपुट)