रबी सीजन अपने पीक पर है. इस दौरान किसानों ने गेहूं, सरसों समेत रबी सीजन की अन्य फसलों की बुवाई की हुई है. जिसके लिए किसानों को खाद की जरूरत है. लेकिन, बीते दिनों देश के कई स्थानों से खाद की कमी के मामले सामने आए थे. ऐसे में इस खाद संकट से निपटने के लिए इफको ने माेर्चा संभाल लिया है. जिसके तहत इफको देशभर में यूरिया की आपूर्ति करने में जुटा हुआ है. इसके लिए जहां इफको कई ट्रेन से यूरिया की सप्लाई कर रहा है तो राजस्थान के जोधपुर में ऊंट गाड़ी पर सवार होकर इफको का नैनो यूरिया किसानों तक पहुंच रहा है. इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ डॉ. यूएस अवस्थी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इनके फोटो शेयर किए है.
इफको नैनो यूरिया को फर्टिलाइजर कंट्रोल आर्डर में शामिल किया गया है, यह भारत सरकार द्वारा अनुमोदित है और देश का एकमात्र नैनो उर्वरक है जो कि लिक्विड में होता है, इसके 1 बोतल का प्रयोग 1 बोरी यूरिया के स्थान पर किया जाता है, यह पत्तियों के रंध्रों और छिद्दों में आसानी से पहुंच कर पौधों की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जिससे पौधों के वृद्धि और विकास में सहायता होती है, इसके उपयोग से फसल की उपलब्धता में काफी वृद्धि होती है. साथ ही किसानों के लिए पॉकेट फ्रेंडली भी है, यह यूरिया की बोरी से कम दाम में बाजारों में उपलब्ध है.
पूरे देश के अलग- अलग जगहों से यूरिया की मांग पूरी न होने की चर्चा बनी रहती है, कई बार सही समय पर यूरिया न मिल पाने के कारण किसानों की फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और पैदावार में कमी आती है, लेकिन तभी इफको पारादीप और टीम ने मिलकर कॉन्कर इंडिया साइडिंग से लोड कर यूपी के नकहा जंगल में भेजा गया है, अब इफको पारादीप से उर्वरकों की आवाजाही सुगम होगी.
इफको कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ डॉ. यूएस अवस्थी ने अपने ट्वीट कर नवंबर 2022 में WSF/ विशेष उर्वरकों की अच्छी बिक्री के लिए अपनी मार्केटिंग टीम को बधाई दी है, उन्होंने बताया कि 29.36 फीसदी सागरिका ग्रेन्युल और लिक्विड में 5.84 फीसदी और 60.14 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.