खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों में से एक मक्का की बुवाई का वक्त आ गया है. इसका सही समय मध्य जून से मध्य जुलाई तक होता है. जबकि पहाड़ी और कम तापमान वाले क्षेत्रों में मई के अंत से जून की शुरुआत तक मक्का की बुआई की जा सकती है. लेकिन अच्छी पैदावार और क्वालिटी के लिए आपको सही वैराइटी का चयन करना होगा. अल्मोड़ा स्थित पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा ऐसी ही तीन नई किस्में विकसित की गई हैं जिनमें शरीर के लिए जरूरी अमीनो एसिड सामान्य मक्का के मुकाबले अधिक है. इसलिए इसे सेहत के लिए अच्छा माना जा रहा है. इनका उत्पादन भी अधिक है, जिसकी वजह से यह किसानों के लिए मुफीद है.
इन तीनों किस्मों के नाम वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 45, वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 61 और वीएलक्यू पीएम हाइब्रिड 63 है. दावा है कि इन तीनों का पोषण मान दूध के बराबर है. सामान्य मक्का में शरीर के लिए आवश्यक अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफैन व लाइसीन की कमी होती है. लेकिन इन तीनों में यह सामान्य मक्का से 30-40 फीसदी तक ज्यादा है.
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शरीर प्रोटीन के निर्माण के लिए अमीनो एसिड का इस्तेमाल करता है. साथ ही यह शरीर के विकास के लिए बहुत जरूरी है. ट्रिप्टोफैन भी एक आवश्यक अमीनो एसिड है. जिसकी मौजूदगी वयस्कों में नाइट्रोजन संतुलन और शिशुओं में नाइट्रोजन वृद्धि का कार्य करती है. जबकि लाइसीन एक स्वस्थ इम्यून सिस्टम के लिए नौ जरूरी अमीनो एसिड में से एक है. जिसकी जरूरत शरीर में प्रोटीन बनाने के लिए होती है. आईए मक्के की इन तीन खास किस्मों के बारे में जानते हैं.
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