खरीफ सीजन आते ही किसान धान की खेती में लग गए हैं. इसी बीच किसानों को धान में लगने वाले रोगों और बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए BASF ने दो कीटनाशक लॉन्च किया है. दरअसल, BASF ने वैलेक्सियो और मिबेल्या नाम के कीटनाशक लॉन्च किए हैं जो भारतीय धान उत्पादकों को बेहतर और उच्च क्वालिटी वाली उपज प्राप्त करने में सहायता करेंगे. वैलेक्सियो एक मेड-इन-इंडिया उत्पाद है जिसे अलग-अलग वैश्विक बाजारों के लिए बनाया गया है.
BASF इंडिया के बिजनेस डायरेक्टर (कृषि समाधान) गिरिधर रानुवा ने कहा कि भारत में धान के क्षेत्र में हमारी मौजूदगी और बढ़ेगी. धान की फसल में शीथ ब्लाइट और ब्राउन प्लांट हॉपर जैसी कीटों और रोगों का सामना करना पड़ता है. शीथ ब्लाइट, जो व्यापक रूप से फैलता है और फसल को अधिकतम कल्ले निकलना वाली अवस्था में प्रभावित करता है. अगर इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो इससे 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक का नुकसान हो सकता है. ऐसे में हम भारत में एक वैश्विक कीटनाशक वैलेक्सियो लॉन्च कर रहे हैं.
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BASF एग्रीकल्चरल सॉल्यूशंस में ग्लोबल स्ट्रैटेजिक मार्केटिंग एंड सस्टेनेबिलिटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मार्को ग्रोज़्डानोविक ने कहा कि ये समाधान धान उत्पादकों को अपनी धान की पैदावार बढ़ाने में मदद करेंगे, क्योंकि वे धान के प्रमुख कीट को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. वहीं, शीथ ब्लाइट जैसी बीमारियों को नियंत्रित करते हैं. ब्राउन प्लांट हॉपर, शीथ ब्लाइट जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन अगर समय रहते इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो उत्पादन में 40-50 फीसदी तक का नुकसान हो सकता है.
रानुवा ने कहा कि चीन की धान उपज 7 टन प्रति हेक्टेयर है, जबकि भारत की उपज 4.2 टन प्रति हेक्टेयर है. भारत के लिए अपने धान किसानों के साथ मिलकर काम करना "तत्काल आवश्यकता" है, ताकि उनकी उत्पादकता बढ़ाने में उनकी मदद की जा सके. उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या 2030 तक 150 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है और तब तक 10 करोड़ अतिरिक्त लोगों की उम्मीद है. इस अनुमानित वृद्धि को देखते हुए, जनसंख्या के लिए पर्याप्त खाद्य आपूर्ति तय करना जरूरी हो जाता है.