मध्य प्रदेश में इन दिनों खाद के मुद्दे पर राजनीति तेज है. कई जगहों पर किसानों पर लाठी चलाने, कहीं भगदड़ में उनके घायल होने और गाली-गलौच की खबरें सामने आ रही है. ऐसे में विपक्षी कांग्रेस राज्य की बीजेपी सरकार पर हमलावर है. अब इस क्रम में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों को खाद की जगह लाठियां मिल रही हैं. प्रदेश में यूरिया और डीएपी का पर्याप्त भंडार होने के बावजूद वितरण की अव्यवस्था और कालाबाजारी के चलते किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि आज किसान लाठियां खा रहे हैं, कल वोट से जवाब देंगे.
सिंघार ने दावा किया कि 2 सितंबर को रीवा की करहिया मंडी और 8 सितंबर को भिंड की वृहदकर सहकारी संस्था में खाद लेने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने खाद की सप्लाई रोककर कालाबाजारी करने वालों को बढ़ावा दिया है.
उन्होंने कहा कि रसायन और उर्वरक मंत्रालय की लोकसभा में 25 जुलाई 2025 को दी गई जानकारी और मासिक बुलेटिन के मुताबिक, प्रदेश में पिछले तीन सालों से 16.25 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 7.11 लाख मीट्रिक टन डीएपी का अधिशेष स्टॉक रहा है. इसके बावजूद किसान खाद के लिए लाइन में खड़े हो रहे हैं और मार खा रहे हैं. सिंघार ने कहा कि समस्या खाद की कमी नहीं, बल्कि वितरण और प्रबंधन की नाकामी है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सवा लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के वार्षिक बजट और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की जिम्मेदारी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास होने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पाना सरकार की सबसे बड़ी विफलता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत से ज्यादा है और देश में खाद की खपत में दूसरा स्थान होने के बावजूद राज्य सरकार वैज्ञानिक आकलन और विभागों के बीच समन्वय बनाने में नाकाम रही है.
बता दें कि भिंड में पुलिसकर्मी के किसानों पर लाठी बरसाने के मामले में एसपी ने तुरंत एक्शन लेते हुए सस्पेंशन लेटर जारी किया था. कई जिलों से लगातार खाद न मिलने और लाइन में किसानों के परेशान होने की खबरें सामने आ रही हैं. कुछ दिन पहले ही सीएम मोहन यादव ने सभी जिला कलेक्टरों को चेतावनी दी थी कि खाद वितरण में अव्यवस्था होने पर कलेक्टर इसके जिम्मेदार होंगे. (एजेंसी के इनपुट के साथ)