जायद फसलों पर कीटों का हो सकता है हमला, बचाव के लिए किसान अपनाएं ये उपाय

जायद फसलों पर कीटों का हो सकता है हमला, बचाव के लिए किसान अपनाएं ये उपाय

जायद के सीजन में किसानों को अपनी फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि इन दिनों फंगस से लेकर फसल पर अलग-अलग तरह के कीटों का आक्रमण होता है, जिससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है.

जायद फसलों पर कीटों का हमलाजायद फसलों पर कीटों का हमला
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Mar 22, 2025,
  • Updated Mar 22, 2025, 10:30 AM IST

देश में रबी फसलों की कटाई शुरु होते ही जायद फसलों की बुआई शुरू हो गई है. छोटे और सीमांत किसान ज्यादातर रबी और खरीफ सीजन में ही खेती करते हैं. जायद सीजन में खेती कम करते हैं, जबकि सबसे अधिक लाभ देने वाली खेती जायद सीजन में होती है. जायद में सबसे अधिक मौसमी फल और सब्जियों की खेती की जाती है, जो गर्मी के दिनों में तैयार होती है और उस समय इनकी खूब मांग रहती है. लेकिन जायद के सीजन में किसानों को अपनी फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि इन दिनों फंगस से लेकर फसल पर अलग-अलग तरह के कीटों का आक्रमण होता है, जिससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं जादय सीजन में फसलों को कीटों से कैसे बचाएं.

खेती में मिट्टी का रखें ध्यान

एक्सपर्ट की मानें तो जायद की फसलों की खेत तैयार करते हुए किसानों को जमीन पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए. खेत को तैयार करते समय ट्राइकोडरमा और नीम के तेल को मिलाना चाहिए. इसके लिए ढाई किलो ट्राइकोडरमा को 70 किलो गोबर की खाद में मिलाकर एक एकड़ जमीन की तैयारी की जानी चाहिए. वहीं, जमीन में नीम की खली को भी मिला लें जो दीमक रोधी का काम करती है. किसानों को जमीन तैयार करते समय इसमें कार्बैंडाजोल भी मिला लेना चाहिए. फिर इस मिट्टी में ही पौधों की नर्सरी की बुवाई करनी चाहिए जिससे इन पौधों में लगने वाली कई बीमारियों और कीटों से बचाव हो सके.

ये भी पढ़ें:- तरबूज मीठा है या नहीं, बिना काटे ही लगेगा पता, ये 5 टिप्स आएंगी काम

कीट लगने पर अपनाएं ये टिप्स

जायद की फसल के अंतर्गत आने वाली सब्जियों के पौधों पर कई तरह के कीट का संक्रमण होता है. कीट सबसे पहले पौधों की मुलायम पत्तियों को अपना निशाना बनाते हैं. चूसक कीट पत्तियों के रस को चूस लेते हैं जिससे पौधे सूखने लगते हैं. वहीं, एक दूसरा कीट जिसे रेड पंपकिन बीटल कीट कहते हैं, वह सबसे ज्यादा हानिकारक होता है. यह कीट पत्ती को काटता हुआ चलता है. ऐसे में फसलों को कीट से बचाने के लिए किसानों को बायोपेस्टिसाइड के रूप में नीम के तेल का छिड़काव करना चाहिए. किसान को 10 से 15 एमएल नीम के तेल को एक लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़काव करना चाहिए. इसके बाद भी अगर कीट नियंत्रण न हो तो मेलाथियान का प्रयोग कर सकते हैं.

जायद में इन फसलों की खेती

जायद सीजन में उगाई जाने वाली खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा जैसी चर्चित फसलों को गर्मी के दिनों में खूब महत्व दिया जाता है. कहा जाता है कि इनको खाने से शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा गर्मियों में तैयार होने वाले टमाटर, भिंडी, लौकी और परवल की खेती भी जायद सीजन में ही की जाती है. इन दिनों खेती कर किसान गर्मियों में कम समय में अधिक लाभ कमा सकते हैं.

MORE NEWS

Read more!