गर्मी का दिन आते ही फलों के राजा आम की हर तरफ चर्चा शुरू हो जाती है. आम खाने में जितना अच्छा लगता है, उसकी फसल की देखभाल उतनी ही मुश्किल है. पेड़ में मंजर आने से लेकर फल लगने तक हर स्टेज पर कीट का हमला होता है. आम के पेड़ों पर अब फलों का साइज कुछ बड़ा हो गया है. ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा फलों में जाला बनाने वाले कीट का रहता है. आम को फलों का राजा कहते हैं. आम में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.
आम पर हर स्तर पर कीटों का हमला होता है. लेकिन इसमें सबसे प्रमुख है जाला बनाने वाले कीट का अटैक. इससे आम उत्पादक किसानों को भारी नुकसान होता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस कीट को लगने पर आम का कैसे बचाव करें.
आम के पेड़ों पर अब फल कुछ बड़े हो चुके हैं. वहीं फलों में अब जाला बनाने वाले कीट का अटैक देखने को मिल रहा है. दरअसल इस कीट की सुंडियां अपनी लार को रेशम के धागे की तरह उपयोग करके पत्तियों को एक साथ जोड़कर घोंसला बनाती हैं. फिर जालों में रहकर पत्तियों का सारा भाग खा जाती हैं. जाले बानाने वाले कीट के प्रकोप से टहनियां और पत्ते सूख जाते हैं, जिससे फलों पर भी इसका असर दिखता है. वहीं इस कीट का असर पुराने बागों में अधिक होता है. साथ ही इस कीट का अटैक अप्रैल महीने में लेकर दिसंबर महीने तक होता है.
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आम के पेड़ पर जाला बनाने वाले कीट के लगने पर किसान इस कीट से प्रभावित पत्तियों को तोड़कर जला दें. इसके अलावा अगर प्रकोप ज्यादा हो तो क्यूनालफास को 5 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें. इस छिड़काव को किसान 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा कर सकते हैं. ऐसा करके किसान अपने फलों और पेड़ को नुकसान होने से बचा सकते हैं.
आम के पेड़ पर फल आते ही डासी मक्खी अपनी सुंडियों से फल के गूदे को खाकर सड़ा देती है. डासी मक्खी के सुंडी लगते ही फल अंदर से सड़कर बदबूदार होने लगता है. ये मक्खियां अप्रैल महीने में जमीन के अंदर से निकलती हैं और ताजा फलों में 150 से 200 अंडे देती हैं, जिसके बाद दो से तीन दिनों के बाद सुंडियां निकल कर फलों को खाना शुरू कर देती हैं. इनकी संख्या मई से जुलाई तक बहुत तेजी से बढ़ती है.
फलों पर डासी मक्खी के अटैक होने पर सबसे पहले इस मक्खी द्वारा खाए गए फलों को तोड़कर या गिरे हुए फलों को इकट्ठा करके उसे नष्ट कर दें. इसके अलावा फलों पर अजा पावर प्लस 5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इससे ये मक्खी मर जाएंगी और नुकसान कम होगा. साथ ही बागान की गहरी जुताई कर दें ताकि मक्खी जमीन से निकलने से पहले ही नष्ट हो जाएं.