अगर आप अपने गार्डन को हरा-भरा और फूलों-फलों से लदा हुआ देखना चाहते हैं तो केले के छिलके और सिरका आपके लिए छोटे लेकिन बेहद असरदार जादूगर साबित हो सकते हैं. ये दोनों चीजें न सिर्फ पौधों की ग्रोथ बढ़ाती हैं बल्कि मिट्टी की उर्वरता और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती हैं. केले के छिलके और सिरका बगीचे के लिए छोटे लेकिन प्रभावशाली उपाय हैं. ये दोनों चीजें मिलकर पौधों को पोषण और सुरक्षा देती हैं और आपका गार्डन हर मौसम में हरा-भरा और सुंदर बना रहता है. आइए आज आपको दोनों के प्रयोग का सही तरीका बताते हैं.
केले के छिलके सिर्फ फेंकने के लिए नहीं होते. ये पौधों के लिए पोटैशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का खजाना हैं. ये तत्व पौधों की जड़ों को मजबूत करते हैं, फूलों और फलों की गुणवत्ता बढ़ाते हैं और पौधों को रोगों से लड़ने की शक्ति भी देते हैं.
सिरका केवल रसोई का ही काम नहीं आता, बल्कि यह बगीचे के लिए भी बहुत उपयोगी है. इसमें मौजूद एसिटिक एसिड मिट्टी में मौजूद हानिकारक फफूंद और कीटों को नियंत्रित करता है. इसके इस्तेमाल से पौधों की पत्तियां साफ रहती हैं और कीटों से सुरक्षा मिलती है.
जब आप केले के छिलके और सिरके को एक साथ इस्तेमाल करते हैं, तो यह पौधों के लिए सुपर फर्टिलाइज़र बन जाता है. केले के पोषक तत्व पौधों को ऊर्जा देते हैं और सिरके का हल्का एसिड कीटों और फफूंद को नियंत्रित करता है.
छिलकों और सिरके को पानी में मिलाकर 2-3 दिन के लिए ढककर रखें. फिर इस घोल को छानकर पौधों की जड़ों और मिट्टी में डालें. इससे पौधे जल्दी हरे और ताजा दिखाई देंगे. ये मिश्रण एकदम आपके बगीचे के लिए पावरहाउस की तरह काम करेगा. यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और पौधों की जड़ों और पत्तियों की ग्रोथ तेज करता है. साथ ही इसके प्रयोग से फूलों और फलों की गुणवत्ता बढ़ती है. वहीं कीट और फफूंद से भी प्राकृतिक सुरक्षा मिलती है. साथ ही साथ इसके प्रयोग से रासायनिक फर्टिलाइजर की जरूरत भी कम होती है.
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