Tips: गार्डनिंग का है शौक तो बनाना सीख लें कोकोपीट खाद, ये रहा तरीका

Tips: गार्डनिंग का है शौक तो बनाना सीख लें कोकोपीट खाद, ये रहा तरीका

Tips: अगर आप भी गार्डनिंग को शौक रखते हैं तो आप कोकोपीट खाद की मदद से अपने गार्डेन में सब्जी और फल उगा सकते हैं. दरअसल कोकोपीट नारियल के छिलके से बनाई गई एक खाद होती है, जो पौधों के लिए काफी लाभदायक होती है.

गार्डनिंग का है शौक तो बनाना सीख लें कोकोपीट खादगार्डनिंग का है शौक तो बनाना सीख लें कोकोपीट खाद
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Sep 20, 2023,
  • Updated Sep 20, 2023, 1:32 PM IST

वर्तमान समय में लोग गार्डनिंग करने के बहुत शौकीन हो गए हैं. गार्डनिंग में लोग अपने छत पर ही बागवानी करते हैं. गमलों की मदद से अपने पसंदीदा फल या सब्जियां लगाने के साथ और भी कई पौधे लगाते हैं. अगर आप भी किचन गार्डनिंग का शौक रखते हैं या बाकी लोगों से प्रेरित होकर कुछ ऐसा ही करना चाह रहे हैं, तो यह आसानी से गार्डनिंग कर सकते हैं. दरअसल गमले में गार्डनिंग करने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में मिट्टी की जरूरत होती है.

वहीं अगर आपको गमलों में डालने के लिए पर्याप्त मिट्टी नहीं मिलती है तो आप कोकोपीट के ज़रिए अपनी बागवानी के शौक को बखूबी पूरा कर सकते हैं. पर बहुत से लोग इस कोकोपीट से अनजान हैं. आइए जानते हैं क्या होती है कोकोपीट खाद और क्या है इसे बनाने का तरीका.

क्या होता है कोकोपीट

अक्सर लोग नारियल के रेशेदार छिलके को कचरे में फेंक देते हैं. पके हुए नारियल के बाहरी रेशेदार छिलके में कई तरह के जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों के लिए उनके विकास में काफी सहायक होते हैं. ये ठीक उसी तरह से पौधों के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. अगर आप छोटे स्तर पर बागवानी, टेरेस फार्मिंग या किचन गार्डनिंग करते हैं, तो इन सूखे नारियल के छिलकों को कोकोपीट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. कोकोपीट तकनीक नारियल की भूसी और खाद से तैयार की गई कृत्रिम खाद होती है.

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कैसे तैयार करें कोकोपीट

वैसे तो कोकोपीट बाजार में आसानी से मिल जाता है, लेकिन अगर आप घर पर ही कोकोपीट बनाना चाहते हैं, तो हम आपको इसकी भी जानकारी देने जा रहे हैं. आप नीचे दिए गए कुछ स्टेप्स को फॉलो करके बड़ी ही आसानी से बहुत ही कम समय में अपने पौधों के लिए कोकोपीट तैयार कर सकते हैं.

  • सबसे पहले आप सभी नारियल के छिलकों को इकट्ठा करके एक साफ़-सुथरी जगह पर रखकर धूप में तीन-चार दिनों तक रखें.
  • उसके बाद उन छिलकों को कैंची से छोटे-छोटे टुकड़े कर लें
  • अब ग्राइंडर मिक्सर से इन छोटे-छोटे टुकड़े को पीस लें.
  • छिलकों को तब तक पिसें जब तक की वह पाउडर न बन जाए.
  • उसे पीसने के बाद पाउडर में आप पानी मिलाएं और इसे 2-3 घंटे तक यूं ही रहने दें.
  • जब यह पाउडर अच्छे से पानी सोख ले तो आप इसे निचोड़ लें, इससे एक्स्ट्रा पानी बाहर आ जाएगा और आपका कोकोपीट तैयार हो जाएगा.

कोकोपीट की विशेषताएं

  • सबसे पहले तो कोकोपीट को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी एकदम हल्की हो जाती है.
  • इससे पेड़ों की जड़ों को विकसित होने के लिए आसानी से जगह मिलती है.
  • कोकोपीट को आप एक बार बनाने के बाद साल भर से भी ज्यादा समय के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • कोकोपीट में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, जिंक, मैग्नीशियम और मिनरल्स होते हैं जो मिट्टी की उर्वरकर्वता बढ़ाते हैं.
  • कोकोपीट के गुण ऐसे हैं कि इसमें बैक्टीरिया और फंगस आदि नहीं लगते और यह मिट्टी में भी इन्हें पनपने नहीं देते.
  • कोकोपीट में पानी को सोखकर रखने की क्षमता अधिक होती है और इस कारण से कम पानी में भी आप ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं.

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