किसी भी पौधे के विकास के लिए उसे कीट-मुक्त और रोग-मुक्त रखना बहुत ज़रूरी है. तभी पौधों का विकास संभव है. ऐसे में कीटों से बचाव के लिए कुछ देखभाल और नियंत्रण उपायों की आवश्यकता होती है. इसे अपनाकर आप बगीचे में कीटों के प्रभाव को कम कर सकते हैं. लेकिन कई बार देखभाल के बाद भी पौधे में कीट लगने की संभावना बनी रहती है. जिससे कीट प्रकोप के कारण पौधे की वृद्धि एवं उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है. हालाँकि, अच्छी बात यह है कि आप कीटों को नियंत्रित करने के लिए जैविक कीटनाशकों और कई अन्य तकनीकों का भी उपयोग कर सकते हैं. क्योंकि इन तकनीकों के इस्तेमाल से न सिर्फ पौधे को फायदा होता है बल्कि पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता है. ऐसे में बस एक लालटेन की मदद से आप कीटों से छुटकारा पा सकते हैं. वो कैसे आइए जानते हैं.
फसलों को कीड़ों के प्रकोप से बचाने के लिए रात में लाइट ट्रैप लगाए जाते हैं. रात के अंधेरे में पतंगे, मच्छर, चेफ़र बीटल, अमेरिकन बॉलवर्म, आर्मी वर्म, कटवर्म, ब्राउन राइस प्लांट हॉपर, ग्रीन राइस लीफ हॉपर, राइस ब्लैक बग, राइस गॉल मिज, राइस स्टेम सहित विभिन्न प्रकार के उड़ने वाले कीड़ों को लाइट ट्रैप आकर्षित करता है और फिर अपनी जाल में फंसा लेता है.
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वहीं लाइट ट्रैप को जंगली जवारों का खतरा रहता है. इसे सुरक्षित करने के लिए खंभों को जमीन में मजबूती से दबा दें ताकि जानवर इसे उड़ा न सकें या गिरा न सकें. खंभों के ऊपर एक लालटेन को पानी के कटोरे के ऊपर थोड़ा सा तेल डालकर लटका दें. आग के खतरों को ध्यान में रखते हुए लैंप लटकना चाहिए ताकि लकड़ी में आग न लगे. किसी बगीचे या खेत के चारों ओर प्रकाश जाल लगाने का सबसे अच्छा समय कीट के जीवन चक्र और फसल के विकास पर पर निर्भर करता है. सबसे अच्छा समय पतंगों के जन्म लेने के बाद का होता है.
फ्लाई ट्रैप लगभग 30 सेमी x 30 सेमी मापने वाले बड़े बोर्ड होते हैं जिन्हें चमकीले पीले/नारंगी रंग से रंगा जाता है. साथ ही तेल या गोंद जैसे चिपकने वाले पदार्थ से इसे कवर किया जाता है. अलग-अलग कीट अलग-अलग रंगों की ओर आकर्षित होते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल करें. मक्खियाँ बोर्ड के चमकीले रंग से आकर्षित होती हैं और उस पर उड़ने लगती हैं. जिसके बाद वे तेल या गोंद के संपर्क में आते ही फंस जाते हैं और मर जाते हैं.