मक्का विश्व में सबसे व्यापक रूप से उगाई जाने वाली फसल है. भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से खरीफ और रबी मौसम में की जाती है. मक्का को 'अनाज की रानी' के रूप में भी पहचाना जाता है. इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है. क्योंकि यह न सिर्फ इंसानों के खाने के काम आ रही है बल्कि पोल्ट्री सेक्टर में इसकी खूब खपत हो रही है. यही नहीं अब तो यह एक एनर्जी क्रॉप बन चुकी है, क्योंकि इससे इथेनॉल तैयार हो रहा है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर वाहन चलाए जा रहे हैं. लेकिन, इतने फायदों के बाद भी खेती में थोड़ी सी गड़बड़ी से इसके किसानों को नुकसान हो जाता है.
कई बार मक्के की फसल पर कुछ ऐसे रोग लग जाते हैं जिसे किसानों का बड़ा नुकसान हो जाता है. इसलिए इनको रोगों से बचाना बहुत जरूरी है. फ्यूजेरियम तना गलन रोग को मक्का का सबसे सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है. इससे उपज में 10 से 42 प्रतिशत तक का नुकसान होने की संभावना रहती है. यही नहीं कुछ क्षेत्रों में 100 प्रतिशत तक भी नुकसान हो सकता है. इस रोग के लिए 26 से 37 डिग्री सेल्सियस तापमान बहुत ही अनुकूल होता है. तना सड़न मक्का की फसल में लगने वाला एक गंभीर रोग है.
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कृषि वैज्ञानिक आदित्य भारती , एमए अनवर, राम निवास और नेहा कुमारी ने लिखा है कि इस रोग से पौधे की पत्तियां स्वस्थ हरे रंग से हल्के हरे रंग में बदल जाती हैं और निचला डंठल पीला हो जाता है. पौधों की जड़ों और निचली गांठों पर इसके लक्षण रोग की प्रमुख पहचान हैं. जब पौधों के डंठल को विभाजित किया जाता है, तो आंतरिक डंठल हल्के गुलाबी रंग का दिखता है, लेकिन डंठल में या उस पर काले धब्बे, कवक के कारण नहीं होते हैं. निचोड़ने पर डंठल स्पंजी या गद्देदार लगते हैं और निचली गांठ को आसानी से कुचला जा सकता है.
पिछली फसल के अवशेषों को पूरी तरह से नष्ट करना और गहरी जुताई करना लाभकारी होता है. फसलचक्र अपनाएं, नाइट्रोजन की कम मात्रा तथा पोटेशियम की अधिक मात्रा के साथ उर्वरकों की संतुलित मात्रा का प्रयोग करें.
संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व में मक्का की फसल का 35 प्रतिशत से अधिक उत्पादन करता है. इसके अलावा बड़े उत्पादक देशों में चीन, ब्राजील, मैक्सिको, अर्जेंटीना है. मक्का उत्पादन में विश्व में भारत की भागीदारी सिर्फ 2 प्रतिशत है. अब इसे बढ़ाने पर सरकार काफी जोर दे रही है, क्योंकि इसका इथेनॉल में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा.
भारत में कर्नाटक 16 प्रतिशत मक्का उत्पादन करता है. तेलंगाना और बिहार में भी इसका अच्छा उत्पादन होता है. भारत में खरीफ सीजन में सबसे अधिक 70 प्रतिशत तक मक्का का उत्पादन होता है, जबकि बाकी रबी सीजन में पैदा होता है. दुनिया में सबसे ज्यादा करीब 61 फीसदी मक्का चारे के रूप में खर्च होता है. इसी तरह 22 फीसदी उद्योग और 17 फीसदी खाद्य सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
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