अप्रैल और मई में की जा सकती है गन्ने की बुवाई, अच्छे उत्पादन के ल‍िए इन बातों का रखें ध्यान 

अप्रैल और मई में की जा सकती है गन्ने की बुवाई, अच्छे उत्पादन के ल‍िए इन बातों का रखें ध्यान 

बुवाई से पहले गन्ने के सेट को कवकनाशी जैसे कार्बेन्डाजिम 0.2 प्रतिशत से 15 मिनट तक उपचारित करने से स्मट रोग को रोका जा सकता है. दो आंखों वाली या तीन आंखों वाली पोरियों को 6 प्रतिशत पारायुक्त ऐमीसान या 0.25 प्रतिशत मैंकोजेब के 100 लीटर पानी के घोल में 4-5 मिनट तक डुबोकर लगाएं. 

गन्ने की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 26, 2024,
  • Updated Apr 26, 2024, 7:07 PM IST

गन्ना एक प्रमुख नकदी फसल है. इसकी खेती उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर की जाती है. कृष‍ि वैज्ञान‍िकों का कहना है क‍ि गेहूं की कटाई के बाद अप्रैल में भी गन्ना लगा सकते हैं. इसके लिए उपयुक्त किस्म सीओएच-35 व सीओएच-37 है. ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुवाई उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तराखंड में अप्रैल व मई में की जाती है. अगर आपने पहले से गन्ना लगाया हुआ है तो उसमें आवश्यकतानुसार फसल की मांग के अनुरूप सिंचाई एवं गुड़ाई करते रहें. जिन खेतों से गन्ने का बीज लेना है, उन खेतों में बीज लेने से 5-7 दिनों पूर्व सिंचाई करें. बसंतकालीन गन्ना जो फरवरी में लगा है, में 1/3 नाइट्रोजन की दूसरी किश्त 1 बोरा यूरिया अप्रैल में डाल दें एवं खेत में खाली स्थानों को पोरिया या नर्सरी में उगाएं गए पौधों से भर दें.  

गन्ने की बुवाई से पहले खेतों को अच्छी तरह से समतल कर लें. गन्ने की फसल खेत में 2-3 वर्षों तक रहती है. शीघ्र एवं कम अवधि में पकने वाली फसलों जैसे मूंग, उड़द एवं लोबिया को गन्ने की दो पंक्तियों के बीच में बो सकते हैं. इससे प्रति इकाई क्षेत्र अतिरिक्त लाभ के अलावा म‍िट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ा सकते हैं.

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कम श्रम‍िकों में कर सकते हैं गन्ने की बुवाई 

इस मौसम की गन्ने की फसल के लिए खेत को जुताई करके भलीभांति तैयार कर लें. बुवाई के लिए लगभग 35,000-40,000 गन्ने की तीन आंख वाले टुकड़ों की आवश्यकता होती है. इसके लिए 5-6 टन गन्ने का बीज पर्याप्त होता है. पंक्ति से पक्ति की दूरी 75-90 सेमी के अंतराल पर 10-15 सेमी गहरा कुंड डेल्टा हल से बनाकर बोया जाता है. गन्ना कटर प्लांटर के द्वारा केवल 5 श्रमिकों की मदद से एक हेक्टेयर की बुवाई कर सकते हैं. ब‍िना कटर प्लांटर के यह सामान्य तौर पर 30-40 श्रमिकों द्वारा की जाती है. इसके साथ ही गन्ना प्लांटर के द्वारा एक दिन में 2 हेक्टेयर की बुवाई कर सकते हैं.

गन्ने की बुवाई से पहले क्या करें 

अच्छे उत्पादन के ल‍िए बुवाई से पूर्व गन्ने के सेट को कवकनाशी जैसे कार्बेन्डाजिम 0.2 प्रतिशत से 15 मिनट तक उपचारित करने से स्मट रोग को रोका जा सकता है. दो आंखों वाली या तीन आंखों वाली पोरियों को 6 प्रतिशत पारायुक्त ऐमीसान या 0.25 प्रतिशत मैंकोजेब के 100 लीटर पानी के घोल में 4-5 मिनट तक डुबोकर लगाएं. गन्ने में 150-180 किलोग्राम प्रत‍ि हेक्टेयर नाइट्रोजन, 80 क‍िलोग्राम प्रत‍ि हेक्टेयर फॉस्फोरस और 60 क‍िलोग्राम प्रत‍ि हेक्टेयर पोटाश प्रयोग करना लाभदायक होता है. लेक‍िन उर्वरक मैनेजमेंट म‍िट्टी की जांच के आधार पर ही करना चाहिए.

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