Alert: हिमाचल में ठंड और कोहरे की मार! बागवानों को सतर्क रहने की सलाह, एक्‍सपर्ट ने बताए ये जरूरी उपाय

Alert: हिमाचल में ठंड और कोहरे की मार! बागवानों को सतर्क रहने की सलाह, एक्‍सपर्ट ने बताए ये जरूरी उपाय

Horticulture Crop Tips: हिमाचल में ठंड और कोहरे का असर बढ़ने से फलदार पौधों पर खतरा बढ़ गया है. उद्यान विभाग ने आम, लीची, पपीता, अमरूद जैसे पौधों को बचाने के लिए कई उपाय सुझाए हैं. जानिए एक्‍सपर्ट ने फसलों के बचाव के लिए क्‍या-क्‍या जानकारी दी...

Winter care Tips for fruit growersWinter care Tips for fruit growers
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Nov 21, 2025,
  • Updated Nov 21, 2025, 1:26 PM IST

हिमाचल प्रदेश में सर्दियों की दस्तक के साथ ही कोहरा और शुष्क मौसम फलों की फसलों के लिए चुनौती बनता जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से तापमान में लगातार गिरावट और बारिश न होने के कारण कई इलाकों में कोहरे की संभावना बढ़ गई है. इस स्थिति को देखते हुए हमीरपुर जिला उद्यान विभाग ने बागवानों को समय रहते सावधान रहने और जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है.

हमीरपुर के उद्यान विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि कोहरा और कम तापमान खासतौर पर आम, पपीता, लीची और अमरूद जैसे सदाबहार फलदार पौधों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं. ठंड के कारण पौधों की कोशिकाएं फटने लगती हैं, जिससे विकास रुकता है और उत्पादन प्रभावित होता है. वहीं, कोहरे से नमी कम होती है, जिससे फल फटने, सूखने और रोग बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है.

छोटे पौधों को पुआल से ढकने की जरूरत

उन्होंने बागवानों को सलाह दी कि सतही तापमान को जमाव बिंदु तक पहुंचने से रोकने के लिए नियमित सिंचाई बेहद जरूरी है. खासतौर पर छोटे पौधों को ठंड से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें पुआल से ढकने की जरूरत होती है, लेकिन दक्षिण-पूर्व दिशा खुली छोड़नी चाहिए, ताकि सुबह की धूप पौधों को पर्याप्त गर्माहट दे सके.

पाले से ऐसे करें फसल का बचाव

परमार ने यह भी सुझाव दिया कि शाम के समय सूखी पत्तियों और घास को जलाने से आसपास का तापमान कुछ बढ़ जाता है, जिससे पाला पड़ने की आशंका कम होती है. आम उत्पादकों को 50 प्रतिशत शेड वाली नायलॉन नेट से पौधों को ढकने की सलाह दी गई है. इसके अलावा, उचित मात्रा में पोटाश देने से पौधों में कोहरा सहन करने की क्षमता बढ़ती है.

NPK का ऐसे करें इस्‍तेमाल

उन्होंने बागवानों को बताया कि खाद और उर्वरक- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश को सड़ी हुई गोबर खाद के साथ मिलाकर पौधों के चारों ओर पट्टी के रूप में डालना फायदेमंद होता है. इसके बाद मिट्टी और घास की मल्चिंग करने से पौधे अधिक सुरक्षित रहते हैं और नमी भी बनी रहती है.

बागवानों से उपायों को अपनाने की अपील

साथ ही, पौधों के तनों पर कॉपर ऑक्सी क्लोराइड या बोर्डो मिश्रण का छिड़काव करने से रोगों की रोकथाम में मदद मिलती है और पौधों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. उद्यान विभाग ने बागवानों से मौसम में हो रहे बदलावों पर लगातार नजर रखने और समय-समय पर इन उपायों को अपनाने की अपील की है, ताकि फसलों को ठंड और कोहरे के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके. (पीटीआई)

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