Second Hand Tractor: नए ट्रैक्टर के बजाय सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेना क्यों है सही? जानिए ये 4 कारण

Second Hand Tractor: नए ट्रैक्टर के बजाय सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेना क्यों है सही? जानिए ये 4 कारण

बहुत सारे किसान नये के बजाय अब सेकेंड हैंड ट्रैक्टर ले रहे हैं. मगर ज्यादातर किसानों को इस बात का डर रहता है कि कहीं वह पुराना ट्रैक्टर खरीदकर घाटे के सौदे में ना फंस जाएं. इसलिए हम आपको एक पुराना ट्रैक्टर लेने के कई सारे फायदे बता रहे हैं.

अब कम कीमतों में खरीदें अब कम कीमतों में खरीदें
स्वयं प्रकाश निरंजन
  • नोएडा,
  • Jan 22, 2025,
  • Updated Jan 22, 2025, 7:35 PM IST

आज के दौर में महंगाई की मार हर क्षेत्र में है और इससे ट्रैक्टर उद्योग भी दूर नहीं है. यही वजह है कि तेजी से महंगे होते नये ट्रैक्टर हर किसान के बजट में फिट नहीं बैठ रहे हैं और ज्यादातर किसान सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीद रहे हैं. मगर किसान हमेशा इस एक पुराना ट्रैक्टर लेते वक्त असमंजस में रहते हैं कि कहीं ये घाटे का सौदा ना हो जाए. मगर अगर एक सही सेकेंड हैंड ट्रैक्टर मिल जाए तो ये असल में बहुत ही स्मार्ट फैसला साबित हो सकता है. इसलिए हम आपको सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेने के फायदे बता रहे हैं. 

1. हर बजट में एक ट्रैक्टर उपलब्ध

सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेने के पीछे सबसे बड़ी मजबूरी बजट ही होता है. लिहाजा हर एक किसान का अपना सीमित बजट होता है. ऐसे में सेकेंड हैंड ट्रैक्टर हर बजट में उपलब्ध होते हैं. वहीं नया ट्रैक्टर लेने जाएंगे तो इनका दाम फिक्स होता है और ज्यादातर किसानों के बजट से तो बाहर होते ही हैं. ऐसे में बढ़िया कंडीशन वाला एक पुराना ट्रैक्टर आपको नये के मुकाबले आधी कीमत में मिल जाएगा. बल्कि कई बार तो अच्छे ट्रैक्टर आधी से भी कम कीमत में मिल जाता है. लिहाजा पुराना ट्रैक्टर आपके खूब सारे पैसे बचा लेता है.

2. मोलभाव करके बचा सकते हैं पैसे

जब भी आप शोरूम में नया ट्रैक्टर लेने जाएंगे तो वहां सेल्समेन से ना के बराबर ही मोलभाव कर पाते हैं. लेकिन अगर आप एक पुराना ट्रैक्टर लेने जा रहे हैं तो मोलभाव करने की बहुत ज्यादा गुंजाइश होती है. जब आप सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेने जाएं तो गौर करने पर इसमें कुछ ना कुछ छोटी-बड़ी खामियां भी मिल जाएंगी. इन खामियों के दम पर आप अच्छा खासा मोलभाव करके खूब सारे पैसे बचा सकते हैं. ट्रैक्टर लेते वक्त इसके टायर की लाइफ और क्रैक चेक करें, इसका मीटर चालू है कि नहीं या फिर रीडिंग सही बता रहा है कि नहीं, सर्विस बुक कर सारे रिकॉर्ड मेंनटेन हैं या नहीं. इंजन में कोई अलग से काम हो चुका है या ऑरिजनल कंडीशन में है. ये सारी चीजें जब चेक करेंगे तो कोई ना कोई कमी पकड़ में आ ही जाएगी, जिसपर आप अच्छा मोलभाव कर सकते हैं.

3. कोई वेटिंग पीरियड नहीं

नया ट्रैक्टर लेते वक्त इसके वेटिंग पीरिडय का भी झंझट होता है. पहले आपको कुछ पैसे देकर ट्रैक्टर बुक कराना पड़ेगा और फिर उसके कुछ दिन बाद जाकर ट्रैक्टर आपको मिलेगा. मगर सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेते वक्त ये दिक्कत आपको नहीं झेलनी पड़ेगी. पुराना ट्रैक्टर लेते वक्त आप जैसे ही पिछले मालिक को पैसे देंगे, ट्रैक्टर की चाबी अगले ही पल आपके हाथ में होती है. लिहाजा जो किसान अर्जेंट में ट्रैक्टर खरीद रहे होते हैं, उनके लिए सेकेंड हैंड बहुत अच्छा विकल्प है.

4. चलाने के बाद भी पैसा वसूल

ये तो सभी जानते हैं कि जैसे ही नया ट्रैक्टर शूरूम से बाहर आया और इसकी तुरंत ही बहुत तेजी से वैल्यू गिरनी शुरू हो जाती है. ऐसे में नया ट्रैक्टर लेने वाला किसान इसे ना के बराबर चलाने के बाद भी बड़े नुकसान के साथ ही बेच पाता है. लेकिन अगर आपने एक सेकेंड हैंड ट्रैक्टर नये के मुकाबले आधी कीमत में भी लिया है तो इसे आप पहले कई साल चला सकते हैं और बाद में थोड़े से नुकसान पर फिर किसी और को भी बेच सकते हैं. अगर ट्रैक्टर अच्छे से मेंनटेन किया है तो आपके अपने सेकेंड हैंड ट्रैक्टर की भी ठीक-ठाक कीमत मिल जाएगी.

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