किसान देसी जुगाड़ अपना कर बड़े-बड़े काम को आसान कर सकते हैं. यहां तक कि फसल सुरक्षा जैसे मुश्किल काम भी आसानी से निपटा सकते हैं. आज ऐसे ही देसी जुगाड़ के बारे में बात करेंगे जिससे किसान अपनी सब्जी फसलों को बचा सकते हैं. सब्जी फसलों पर सबसे अधिक प्रकोप कीटों का होता है. इन कीटों में पत्ता छेदक से लेकर रस चूसक आदि शामिल हैं. इसी में मोयला और हरा तेला का भी नाम है जो सब्जी फसलों को तबाह कर देते हैं. इससे बचाव के लिए कीटनाशकों का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन इसका खर्च महंगा होता है. इस महंगाई से निपटने के लिए किसान देसी जुगाड़ का सहारा ले सकते हैं.
सबसे पहला देसी जुगाड़ पीला चिपचिपा पाश यानी पीला गत्ता है. यह गत्ता आसानी से उपलब्ध है जिसे आपको गोलाई में काट लेना है. आप इस गत्ते से कूपी के आकार का स्ट्रक्चर बना सकते हैं. अब इस कूपी या गोलाई में कटे गत्ते को लोहे की एक डंडी पर चिपका दें. इस डंडी को आप अपने सब्जी फसल की खेत में बीचोंबीच लगा दें. ध्यान रखें कि कूपी को गोलाकार गत्ते पर हरे रंग से पेंट कर दें. फिर इस कूपी पर या गत्ते के गोले पर ग्रीस लगा दें. फिर आपको इसका कमाल दिखेगा.
ये भी पढ़ें: रबी फसलों के बीजों का जरूर करें उपचार, कीट-रोग से मिलेगा छुटकारा, पैदावार भी बढ़ेगी
कूपी का रंग हरा होने की वजह से खेतों के कीट उस ओर आकर्षित होंगे और ग्रीस पर जाकर चिपक जाएंगे. ये कीट ग्रीस से चिपक कर मर जाएंगे और इससे फसलों की सुरक्षा होगी. इसे आधुनिक भाषा में ट्रैप बोलते हैं जिसके बाजार में कई प्रकार उपलब्ध हैं जिनकी बिक्री खूब होती है. गत्ते से बने इस देसी जुगाड़ पर मोयला और हरा तेला जैसे कीट आसानी से चिपक जाते हैं और मर जाते हैं. इस तरह किसान कम खर्च में सब्जी फसलों की आसानी से सुरक्षा कर सकते हैं.
इस देसी जुगाड़ का कैसे इस्तेमाल करना है, इसके बारे में जान लेते हैं. टमाटर में हरी लट यानी फल छेदक कीड़े से बचाव के लिए 5 गत्ते वाला ट्रैप (फेरोमेन ट्रैप कह सकते हैं) प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लगाना चाहिए. इनमें नर कीड़े आकर्षित होते हैं और मारे जाते हैं. इस ट्रैप पर कीड़ों की संख्या से आपको पता चल जाएगा कि खेत में कितना प्रकोप है. प्रकोप की गंभीरता को देखते हुए ट्रैप की संख्या बढ़ा सकते हैं. इससे फसलों को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी.
देसी जुगाड़ वाले इस ट्रैप के इस्तेमाल करने का खास समय भी होता है. शाम के समय 7 से 10 बजे तक इस ट्रैप का जरूर इस्तेमाल करें क्योंकि इसी समय में कीड़े सबसे अधिक अटैक करते हैं. अगर खेत में कीटों का प्रकोप अधिक है तो आपको एक और उपाय करना होगा. आप नीम की पत्तियों का कीटनाशक बनाएं और उसे फसलों पर छिड़कें, इससे भी कीटों का नाश होगा. एक खास बात और. टमाटर, बैंगन में कीड़े से प्रभावित फलों को तोड़कर खेत में जमीन के अंदर दबा दें ताकि इनके अंदर मौजूद लट वयस्क होकर अंडे न दे सकें.
ये भी पढ़ें: मक्के की फसल में लग गया है फॉल आर्मीवर्म कीट, तो जानिए कैसे करें रोकथाम