Innovative Farmer: 10 वीं पास का 'देसी आइडिया', सोलर ट्रिमर का कमाल, चने के किसान होंगे मालामाल!

Innovative Farmer: 10 वीं पास का 'देसी आइडिया', सोलर ट्रिमर का कमाल, चने के किसान होंगे मालामाल!

कर्नाटक के 10वीं पास गिरीश बद्रागोंड ने अपनी सूझबूझ से कमाल कर दिया है. उन्होंने चने की खेती के लिए एक अनोखा 'सोलर ट्रिमर' बनाया है, जो बिना पेट्रोल या बिजली के सिर्फ धूप से चलता है. जहां मजदूर दिन भर में मुश्किल से 1 एकड़ कटाई कर पाते थे, यह मशीन 4 एकड़ तक का काम चुटकियों में निपटा देती है.

solar trimmersolar trimmer
जेपी स‍िंह
  • New Delhi ,
  • Dec 01, 2025,
  • Updated Dec 01, 2025, 12:02 PM IST

देश में चने की खेती बहुत बड़े स्तर पर होती है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी चुनौती इसकी 'खुठाई' है. ज्यादा पैदावार के लिए पौधे की ऊपरी पत्तियों को तोड़ना पड़ता है. हमारे किसान भाई सदियों से यह काम हाथों से करते आ रहे हैं, जो न केवल कमर तोड़ देने वाला है, बल्कि इसमें समय और पैसा भी बहुत लगता है. कई बार तो मजदूरों की कमी के कारण सही समय पर कटाई नहीं हो पाती और फसल का नुकसान हो जाता है. कर्नाटक के विजयपुर के रहने वाले गिरीश बद्रागोंड ने किसानों के इस दर्द को करीब से समझा.

भले ही गिरीश केवल 10वीं पास हैं, लेकिन उनकी सोच किसी बड़े इंजीनियर से कम नहीं है. उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाने की ठानी जो सस्ती हो और बिना बिजली के चले. इसी जज्बे के साथ उन्होंने 'सौर ऊर्जा यानी सोलर से चलने वाला ट्रिमर' बना दिया. उनके इस आविष्कार ने न केवल काम को आसान बना दिया है, बल्कि किसानों का खर्च भी बचाया है.

न बिजली, न पेट्रोल... अब धूप से होगी कटाई

गिरीश द्वारा बनाया गया यह सोलर ट्रिमर तकनीक और देसी सूझबूझ से बनी एक बेहतरीन मशीन है. यह मशीन पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चलती है, जिसका मतलब है कि किसान को पेट्रोल, डीजल या ग्रिड की बिजली पर एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ता. सबसे खास बात यह है कि इस मशीन को चलाने के लिए चिलचिलाती धूप की भी जरूरत नहीं है. यह मशीन कम धूप में भी आसानी से काम करती है.

इस ट्रिमर की बनावट बहुत ही यूजर-फ्रेंडली है. इसका वजन बहुत कम रखा गया है ताकि कोई भी किसान इसे आसानी से खेत में ले जा सके और घंटों तक बिना थके काम कर सके. इसमें कटिंग के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध औजारों का ही इस्तेमाल किया गया है, जिससे अगर भविष्य में कोई खराबी आए, तो किसान गांव में ही इसे ठीक करवा सके. यह मशीन एक बार में पौधों की ऊपरी सतह को एक समान काटती है, जिससे गलती की गुंजाइश खत्म हो जाती है.

देसी आइडिया से चने के किसान होंगे मालामाल

इस मशीन की सबसे बड़ी खासियत इसकी रफ्तार और उससे होने वाली कमाई है. हाथ से काम करने पर एक मजदूर दिन भर में मुश्किल से 1 से 1.5 एकड़ खेत ही निपटा पाता है, जबकि गिरीश के सोलर ट्रिमर से एक दिन में 4 एकड़ तक कटाई हो जाती है. इससे काम तीन गुना तेजी से होता है और मजदूरी का भारी खर्च बचता है. फायदा यहीं नहीं रुकता. कटाई में निकली कोमल पत्तियां बर्बाद नहीं होतीं, बल्कि किसान इन्हें 'भाजी' सब्जी के रूप में बाजार में बेचकर एक्स्ट्रा कमाई करते हैं.

साथ ही, सही तरीके से ट्रिमिंग होने के कारण पौधे की शाखाएं ज्यादा फैलती हैं, जिससे चने की पैदावार लगभग 10% तक की बढ़ोतरी देखी गई है. यह मशीन सच में किसानों के लिए "एक पंथ, दो काज" वाली कहावत को सच करती है

सोलर ट्रिमर' से बचेगा पैसा और बढ़ेगी कमाई

गिरीश का यह आविष्कार सिर्फ विजयपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे भारत के किसानों की किस्मत बदल सकता है. बढ़ती लागत और मजदूरों की कमी के बीच, यह मशीन आज के समय की सबसे बड़ी मांग है. अब इसे सरकारी मान्यता और सब्सिडी की जरूरत है ताकि यह देश के हर किसान तक आसानी से पहुंच सके.

इस मशीन का भविष्य बहुत उज्ज्वल है क्योंकि यह चने के अलावा उन दूसरी फसलों में भी काम आ सकती है जहां ऊपर की छंटाई जरूरी होती है. गिरीश की कहानी सिखाती है कि अगर इरादे पक्के हों, तो कम साधनों में भी बड़ा बदलाव लाया जा सकता है. विजयपुर से शुरू हुई यह पहल आज हजारों किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण है. सच है, असली विज्ञान वही है जो किसान के चेहरे पर मुस्कान ला सके.

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