खेती को आसान बनाने वालों को फंड करेगा Social Alpha, जानिए कैसे मिलेंगे 1.5 करोड़ रुपये 

खेती को आसान बनाने वालों को फंड करेगा Social Alpha, जानिए कैसे मिलेंगे 1.5 करोड़ रुपये 

सोशल अल्फा ने नीति आयोग के अधिकारी और पूसा कृषि, आईसीएआर-आईएआरआई के सहयोग से टेक्टोनिक प्रोग्राम शुरू किया है, जो कृषि विकास, मिट्टी सुधार, जल प्रबंधन, कृषि मशीनीकरण और उससे आगे के क्षेत्रों में गेमचेंजिंग एग्रीटेक सॉल्यूशन के साथ इनोवेटर्स और एंटरप्रेन्योर्स को आमंत्रित कर रहा है. उन्हें फंड के साथ मेंटोरशिप और मार्केट एक्सेस दिया जाएगा.

सोशल अल्फा के फाउंडर मनोज कुमार ने कहा कि हम एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं जो उद्यमियों के लिए पूंजी तक पहुंच आसान बना सके. सोशल अल्फा के फाउंडर मनोज कुमार ने कहा कि हम एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं जो उद्यमियों के लिए पूंजी तक पहुंच आसान बना सके.
रिजवान नूर खान
  • Noida,
  • Nov 28, 2024,
  • Updated Nov 28, 2024, 6:42 PM IST

देश के कृषि विकास में योगदान करने वाले और खेती को अपनी तकनीक अपनी खोज से आसान बनाने वाले इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स को फंड देने के लिए सोशल अल्फा (Social Alpha) ने आवेदन मांगे हैं. वेंचर डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म सोशल अल्फा ने खेती को आसान बनाने वाले लोगों को चुनने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नीति आयोग के अधिकारियों के सहयोग से टेक्टोनॉनिक प्रोग्राम बनाया है. यह एक तरह का स्टार्टअप हंट प्रोग्राम है. इसमें शामिल होने के लिए कृषि और इससे जुड़े 7 क्षेत्रों  के इनोवेटर्स, एंटरप्रेन्योर को स्टार्टअप्स को आवेदन के लिए कहा गया है. 

कृषि के विकास और खेती को आसान बनाने वालों को बढ़ावा देना उद्देश्य 

सोशल अल्फा की ओर से बताया गया कि कृषि गतिविधियों को आसान बनाकर उपज बढ़ाने और क्वालिटी सुधार के साथ लागत घटाने के प्रयासों पर तेजी से काम किया जा रहा है. इस तरह के काम करने वालों का मार्गदर्शन करने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए नीति आयोग के अधिकारी और पूसा कृषि, आईसीएआर-आईएआरआई के सहयोग से टेक्टोनिक प्रोग्राम बनाया गया है, जो खेती, मिट्टी सुधार, जल प्रबंधन, कृषि मशीनीकरण और उससे आगे के क्षेत्रों में गेमचेंजिंग एग्रीटेक सॉल्यूशन के साथ इनोवेटर्स और एंटरप्रेन्योर्स को आमंत्रित कर रहा है. 

आसानी से पूंजी पाने का इकोसिस्टम बना रहे - फाउंडर मनोज कुमार  

कंपनी के बयान के अनुसार सोशल अल्फा के फाउंडर मनोज कुमार ने कहा कि हम एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं जो उद्यमियों के लिए पूंजी तक पहुंच आसान बना सके. इससे प्रतिभाशाली प्रोफेशनल्स को सफल और आत्मनिर्भर बिजनेस मॉडल बनाने में आसानी हो सके. कंपनी के अनुसार कार्यक्रम का उद्देश्य खेती के लिए ऐसी नई तकनीकें तैयार करना है जो छोटे और सीमांत किसानों पर सकारात्मक प्रभाव डालें.

यह कार्यक्रम ऐसे इनोवेटर्स, एंटरप्रन्योर्स की तलाश कर रहा है जो ऐसी तकनीक और सॉल्यूशन पेश करें जो किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को हल कर दें. इसलिए कृषि और इससे जुड़े 7 क्षेत्रों में काम कर रहे लोग फंडिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं. इच्छुक लोग 10 दिसंबर से पहले सोशल अल्पा (Social Alpha) की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. 

कृषि और इससे जुड़े 7 क्षेत्रों के लोग करें आवेदन 

  1. फसल पैदावार बढ़ाने के लिए इंट्रीग्रेटेड कृषि प्रबंधन में काम करने वाले. 
  2. मिट्टी सुधार और सिंचाई प्रबंधन क्षेत्र में काम करने वाले लोग.
  3. खेती को आसान बनाने के लिए कृषि मशीनें बनाने वाले इनोवेटर्स 
  4. फसल कटाई के बाद का प्रबंधन करने के क्षेत्र में काम कर रहे एंटरप्रेन्योर्स.
  5. पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में काम कर रहे लोग भी आवेदन कर सकते हैं.
  6. वन उत्पाद बनाने के क्षेत्र में काम कर रहे लोग. 
  7. कृषि वेस्ट मैनेजमेंट या बायोगैस सिस्टम पर काम करने वाले इनोवेटर्स भी आवेदन कर सकते हैं. 

चयन के बाद इनोवेटर्स, एंटरप्रेन्योर्स और स्टार्टअप्स को क्या मिलेगा 

सोशल अल्फा ने कहा है कि आवेदन मिलने के बाद कई चरण का मूल्यांकन होगा और उसके बाद चुने जाने वाले इनोवेटर्स, एंटरप्रेन्योर्स और स्टार्टअप्स को पायलट शुरू करने में मदद मिलेगी. क्षेत्र के जुड़े संगठनों, कृषि विशेषज्ञों, कॉर्पोरेट और सरकारी निकायों से जोड़ा जाएगा. बाजार तक पहुंच के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके तहत उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, झारखंड समेत कई राज्यों टाटा ट्रस्ट, परमार्थ, TCL, GDS, PANI जैसे पार्टनर्स के जरिए 200,000 से अधिक किसानों और 150 FPO के नेटवर्क तक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी. 

बिजनेस बढ़ाने के लिए मेंटरशिप की जाएगी और सोशल अल्फा लैब्स के जरिए शेयरिंग ऑफिस स्पेस मिलेगा. लैब इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोडक्ट डेवलपमेंट सपोर्ट के साथ ही डिजाइन, रैपिड प्रोटोटाइपिंग और मैन्यूफैक्चरिंग में मदद की जाएगी. इसके अलावा सोशल अल्फा की ओर से सीड फंडिंग के रूप में 1.5 करोड़ रुपेय तक दिए जाएंगे या फिर फंडिंग के लिए निवेशकों के नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. 

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