जुताई से लेकर बुवाई तक के काम आता है रोटरी टिलर मशीन, जानें खासियत और फायदे

जुताई से लेकर बुवाई तक के काम आता है रोटरी टिलर मशीन, जानें खासियत और फायदे

रोटरी टिलर मशीन के माध्यम से किसान अपने खेतों का काम बड़े आसानी से कर सकता है. रोटरी टिलर मशीन का इस्तेमाल खेत की जुताई, बुवाई और मिट्टी को तैयार करने के लिए किया जाता है. रोटावेटर के प्रयोग से मिट्टी के पोषण में सुधार होता है. 

रोटरी टिलर मशीनरोटरी टिलर मशीन
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 28, 2022,
  • Updated Dec 28, 2022, 12:29 PM IST

रोटरी टिलर यंत्र एक ऐसा कृषि यंत्र है जो मिट्टी को हल करने के साथ-साथ कई अन्य कृषि कार्यों को भी पूरा करने में किसानों की मदद करता है. यह कृषि यंत्र हाल ही में लेमकेन फार्म मशीनरी द्वारा लॉन्च किया गया है. इस कृषि यंत्र का पूरा नाम LEMKEN Kyanite 7 SX Rotary Tiller रखा गया है. इस कृषि यंत्र के माध्यम से किसान अपने खेतों का काम बड़े आसानी से कर सकता है. कम वजन और छोटे आकार होने के कारण यह बेहद कारगर और उपयोगी है. 

क्या है टिलर मशीन की उपयोगिता 

यह एक ऐसा कृषि यंत्र है जिसका उपयोग फसल बोने से पहले सीड बेड को तैयार करने के लिए किया जाता है. इसका उपयोग मक्का, गेहूं, गन्ना आदि फसलों को काटने के साथ-साथ मिलाने के लिए भी किया जाता है. इस कृषि यंत्र का इस्तेमाल किसान भाई ट्रैक्टर से जोड़कर आसानी से कर सकते हैं. रोटरी टिलर मशीन का इस्तेमाल खेत की जुताई, बुवाई और मिट्टी को तैयार करने के लिए किया जाता है. रोटावेटर के प्रयोग से मिट्टी के पोषण में सुधार होता है. इसके अलावा ईंधन खर्च, समय और ऊर्जा की भी बचत होती है. रोटरी टिलर एक मोटर चालित कल्टीवेटर है जिसे रोटोटिलर, पावर टिलर, रोटावेटर, रोटरी या रोटरी हल के रूप में भी जाना जाता है. यह मिट्टी को घूमने वाले टाइन या ब्लेड के साथ काम करता है.

Kyanite 7 SX रोटरी टिलर का निर्माण मिट्टी के प्रकार, बाजार और अन्य आवश्यकताओं  को देखते हुए किया है. ताकि किसान अपनी जरूरत के आधार पर इसे खरीद सकें.

क्या है रोटरी टिलर मशीन की खासियत

  • इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे जुताई के बाद खेत को समतल करने की जरूरत नहीं पड़ती.
  • इसका उपयोग सभी प्रकार की मिट्टी जैसे दोमट, मिट्टी, रेतीली दोमट, मिट्टी आदि में जुताई के लिए किया जा सकता है.
  • इसकी सहायता से खेत को तैयार करने से मिट्टी में उपस्थित सभी कूड़ा करकट, ठूंठ, खाद आदि को काटकर मिट्टी में आसानी से मिला दिया जाता है.
  • इसकी मदद से खरपतवार कटकर मिट्टी में मिल जाती है जिसमें मिट्टी में उपलब्ध कार्बन की मात्रा में बढ़ोतरी होती है, जो फसलों के लिए लाभकारी है.
  • खेत की अच्छी तैयारी होने एवं जड़ क्षेत्र में पर्याप्त हवा प्रवाह होने से कल्ले अधिक फूटते हैं जिससे उत्पादन बढ़ता है.

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