एग्री स्टैक (डिजिटल एग्रीकल्चर पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर) के अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम कराने के लिए जिला और तहसील स्तर के चयनित मास्टर ट्रेनर की ट्रेनिंग का आयोजन कृषि एवं राजस्व विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कृषि भवन के सभागार में किया गया. इस मौके पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे में मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण है. मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा जनपदों में सर्वेक्षण करने वाले समस्त कार्मिकों को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाना है. एग्री स्टैक के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे द्वारा फसलवार सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि उत्पादों से आय का वास्तविक आकलन संभव हो सकेगा. किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये बार-बार सत्यापन कराने से मुक्ति मिल जाएगी.
मिश्रा ने कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाए जाने में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है. डिजिटल क्राप सर्वे के डाटा से किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना सहित विभिन्न योजनाओं में त्वरित सत्यापन आसानी से हो जाएगा. सर्वे से कृषि आधारित उद्योगों के लिए कृषि उत्पादों के बारे में समय से सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिसके आधार पर उद्योग स्थापना एवं संचालन में आसानी होगी. किसानों को सीधे बिना बिचौलिए के संस्थागत मार्केटिंग से जोड़ने का अवसर प्राप्त होगा.
क्षेत्र विशेष में बोई गई फसलों के लिए आवश्यक कृषि निवेश की उपलब्धता हेतु कृषि इनपुट सप्लायर के साथ कृषकों को जोड़ने का अवसर सुगम हो जाएगा. अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर इनोवेटिव कार्यक्रमों का संचालन संभव हो सकेगा. अपर मुख्य सचिव (कृषि), डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिजिटल क्रॉप सर्वे के महत्त्व एवं उसके लाभ को रेखांकित करते हुए उनके विभिन्न फ़ायदों के बारे में बताया.
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चतुर्वेदी ने कहा कि इसके द्वारा किसानों को उनके खेत में बोई गई वास्तविक फसल के उत्पाद और बिक्री के लिए अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराने के काम से मुक्ति मिल जाएगी. जिससे कृषक के फसल उत्पाद को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कृषि उत्पादन का खरीद में सरलीकरण हो जाएगा. फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को वास्तविक क्षति का मुआवजा प्राप्ति में आसानी होगी. समय-समय पर किसानों को उनके फसल विशेष के लिए टारगेटेड फसल सलाह प्रदान की जा सकेगी. बोई गई फसल की वास्तविक उपज के आंकलन हेतु मोबाइल एप के माध्यम से क्रॉप कटाई एक्सपेरिमेंट (सीसीई) का प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो सकेगा.
एग्री स्टैक का मकसद किसानों के लिए सस्ता लोन, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीयकृत और खास एडवाइजरी और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच बनाना है. कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लाभदायी योजनाओं को बनाना और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है. एग्री स्टैक की स्थापना के प्रारंभिक चरण में तीन बुनियादी रजिस्ट्री अभिलेखों के डायनेमिक लिंकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री), भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र (जिओ रेफरेन्स विलेज मैप), जीआईएस बेस रियल टाइम क्रॉप सर्वे (क्रॉप सोन रजिस्ट्री) शामिल हैं. (लखनऊ से नवीन लाल सूरी)