Sugarcane Price: यूपी के गन्ना किसानों को बड़ी राहत, सरकार ने बढ़ाए गन्ने के दाम, देखें ताजा रेट

Sugarcane Price: यूपी के गन्ना किसानों को बड़ी राहत, सरकार ने बढ़ाए गन्ने के दाम, देखें ताजा रेट

उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य बढ़ाया है, जो किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आने वाला है. अग्रणी प्रजातियों का मूल्य 400 रुपये और सामान्य का 390 रुपये प्रत‍ि क्विंटल तय किया गया है. इस वृद्धि से किसानों को ₹3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान मिलेगा.

UP Sugarcane price hike CM Yogi Adityanath UP Sugarcane price hike CM Yogi Adityanath
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 29, 2025,
  • Updated Oct 29, 2025, 12:35 PM IST

उत्‍तर सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी राहत देते हुए पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने के मूल्य में एक और बढ़ोतरी की घोषणा की है. नई दरों के तहत अग्रणी प्रजातियों के गन्ने का मूल्य अब 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजातियों का 390 रुपये प्रति क्विंटल मूल्‍य निर्धारित किया गया है. सरकार ने गन्‍ना मूल्‍य में 30 रुपये की बढ़ाेतरी की है. इस बढ़ोतरी से प्रदेश के गन्ना किसानों को लगभग 3,000 करोड़ रुपये रुपये का अतिरिक्त भुगतान मिलने का अनुमान है.

2017 के बाद से इतने बढ़े दाम

गन्ना एवं चीनी उद्योग विभाग के अनुसार, यह फैसला किसानों की आय बढ़ाने और गन्ना उद्योग को मजबूती देने के उद्देश्य से लिया गया है. पेराई सत्र 2017-18 से लेकर अब तक राज्य सरकार ने लगातार गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की है. वर्ष 2017-18 में 10 रुपये प्रति क्विंटल, 2021-22 में 25 रुपये प्रति क्विंटल, 2023-24 में 20 रुपये प्रति क्विंटल और अब 2025-26 में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है.

किसानों को किया गया रिकॉर्ड भुगतान

गन्ना एवं चीनी उद्योग विभाग ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में किसानों को रिकॉर्ड भुगतान कराया गया है. वर्ष 2007 से 2017 तक ₹1,47,346 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जबकि वर्ष 2017 से अब तक ₹2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान कराया जा चुका है. यह राशि पिछले दशक की तुलना में ₹1,42,879 करोड़ रुपये अधिक है.

12 हजार करोड़ का निवेश हुआ

विभाग के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के कुशल नेतृत्व और पारदर्शी नीतियों से उत्तर प्रदेश में चीनी उद्योग को नई ऊर्जा मिली है. अब तक राज्य में लगभग 12,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इस अवधि में चार नई चीनी मिलें स्थापित की गईं, छह बंद पड़ी मिलों का पुनर्गठन किया गया और 42 मिलों की क्षमता में विस्तार हुआ, जो आठ नई बड़ी मिलों के बराबर है.

इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश ने देश में पहला स्थान हासिल किया है. वर्ष 2017 में राज्य में 61 आसवनियां थीं, जो अब बढ़कर 97 हो चुकी हैं. इथेनॉल उत्पादन 41.28 लाख लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर प्रति वर्ष हो गया है.

गन्‍ने के क्षेत्रफल में बढ़ाेतरी दर्ज

राज्य में गन्ने की खेती के क्षेत्रफल में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2016-17 में जहां 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की खेती होती थी, वहीं अब यह बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. विभाग का कहना है कि पारदर्शिता के लिए "स्मार्ट गन्ना किसान प्रणाली" और ऑनलाइन गन्ना पर्ची व्यवस्था लागू की गई है, जिसे अब केंद्र सरकार ने भी अन्य राज्यों के लिए मॉडल के रूप में अपनाने की सलाह दी है.

गन्ना एवं चीनी उद्योग विभाग का दावा है कि सरकार के प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन, इथेनॉल निर्माण और चीनी मिल संचालन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन गया है. नई दरों से किसानों की आय और राज्य की अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूती मिलेगी.

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