Kala Namak Rice: सिद्धार्थनगर के बाद UP के इस जिले में काले धान की ऑर्गेनिक खेती, विदेशों तक बढ़ रही मांग

Kala Namak Rice: सिद्धार्थनगर के बाद UP के इस जिले में काले धान की ऑर्गेनिक खेती, विदेशों तक बढ़ रही मांग

Black Rice Production: चंदौली जिले के काठौरी गांव के किसान रामाश्रय कुमार बताते हैं कि अक्टूबर से फरवरी का समय काले चावल की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है. ये कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है. इसे उगाने में जमीन की उर्वरकता और पर्यावरण का खास ध्यान रखा जाता है.

चंदौली जिला चावल की खेती के लिए मशहूर है.चंदौली जिला चावल की खेती के लिए मशहूर है.
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Jul 16, 2025,
  • Updated Jul 16, 2025, 10:28 AM IST

यूपी के चंदौली में काला धान उत्पादन का प्रयोग बेहद उत्साहवर्धक नतीजे के रूप में सामने आया है. यूपी के आकांक्षी जनपद चंदौली में अपनाये गये नवाचारों और विकास के कार्यों ने जनपद को देश के 112 आकांक्षी जनपदों में छठा स्थान प्रदान किया है. यह उपलब्धि जिले के समग्र विकास और सामुदायिक सहभागिता का परिणाम है. चंदौली जनपद में काला धान की ऑर्गेनिक फार्मिंग ने न केवल स्थानीय किसानों की आय बढ़ाई है, साथ ही इसे रसायन-मुक्त उत्पाद के रूप में स्थापित किया है. चंदौली के काला धान को भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (IIRR) द्वारा प्रमाणित किया गया है. इस चावल की मांग देश-विदेश में बढ़ रही है, जिससे किसानों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ हो रहा है. बता दें कि सिद्धार्थनगर जिले के बाद चंदौली में बहुत से किसान काला धान की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे है. 

चंदौली जिले के काठौरी गांव के किसान रामाश्रय कुमार बताते हैं कि अक्टूबर से फरवरी का समय काले चावल की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है. ये कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है. इसे उगाने में जमीन की उर्वरकता और पर्यावरण का खास ध्यान रखा जाता है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक राइस को चंदौली जनपद का वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट (ओडीओपी) उत्पाद भी घोषित किया हुआ है.

नाबार्ड द्वारा स्पॉन्सर्ड चंदौली के ब्लैक राइस फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के डायरेक्टर शशिकांत राय ने बताया कि 2018 में काला चावल की खेती की शुरुआत महज 25 प्रगतिशील किसानों के साथ से हुई थी. अब इनकी संख्या 1000 के पार हो चुकी है. उन्होंने बताया कि चंदौली में आज के समय में लगभग 500 हेक्टेयर से अधिक एरिया में काला चावल की खेती हो रही है. चंदौली के किसानों की सफलता और मुनाफे को देखते हुए अब प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, बलिया और गाज़ीपुर समेत कई जिलों में इसकी खेती शुरू हो गयी है.

काला नमक चावल, जिसे “ब्लैक राइस” भी कहा जाता है, सिर्फ एक अनाज नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर एक वरदान है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं. मल्टीविटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक इसे और भी खास बनाते हैं. डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए यह रामबाण है, क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा बेहद कम होती है.

यूपी सरकार इसके पैदावार और मार्केटिंग में किसानों की मदद तो कर ही रही है, साथ ही ब्लैक राइस के वर्ल्ड क्लास उत्पादन के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाये जा रहे हैं. इस पहल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प पूरा होते दिख रहा है.

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